मुशर्रफ के इस्तीफे के लिये सऊदी अरब और ब्रिटेन की मध्यस्थता से हुई सौदेबाजी से पाक गठबंधन पर खतरा मंडराने लगा है, क्योंकि पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पीएमएल एन के प्रमुख नवाज शरीफ ने धमकी दी कि यदि पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ द्वारा बर्खास्त जजों को कल तक बहाल नहीं किया गया तो उनकी पार्टी सत्तारूढ़ गठबंधन से समर्थन वापस ले लेगी और विपक्ष में बैठना पसंद करेगी। इस मामले को लेकर जरदारी पशोपेश में पड़ गए हैं, वह चाहते हैं कि लाठी भी न टूटे और सांप भी मर जाए, पर ऐसा होने वाला नहीं है। शरीफ आर-पार की लड़ाई लड़ने जा रहे हैं। उन्हीं के दबाव में जरदारी ने मुशर्रफ के खिलाफ महाभियोग लाने का फैसला किया था, किंतु उसके पहले ही एक करार के तहत मुशर्रफ ने राष्ट्रपति के पद से इस्तीफा दे दिया और गठबंधन सरकार को धर्मसंकट में डाल दिया। इसके पीछे एक बड़ी चाल यह भी है कि मैं तो गद्दी छोड़कर जा ही रहा हूं, लेकिन तुम्हें भी आराम से नहीं बैठने दूंगा। पाकिस्तानी के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के साथ उनके इस्तीफे को लेकर हुई सौदेबाजी में एक शर्त यह भी थी कि सुप्रीम कोर्ट के बर्खास्त चीफ जस्टिस इफ्तिकार मुहम्मद चौधरी को बहाल नहीं किया जायेगा। पीपीपी के सह-अध्यक्ष आसिफ अली जरदारी भी जजों की बहाली के खिलाफ हैं। इस सौदेबाजी से गठबंधन सरकार में दरार का खतरा पैदा हो गया है क्योंकि पीपीपी की सहयोगी पार्टी पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की पीएमएल-एन पिछले साल आपातकाल के दौरान बर्खास्त जजों की बहाली के लिये 22 अगस्त की समयसीमा तय कर रही है। दोनों दलों ने मुशर्रफ पर महाभियोग लगाने की अपनी योजना की सात अगस्त को घोषणा करते हुए कहा था कि बर्खास्त जजों को राष्ट्रपति के हटने के तुरंत बाद बहाल कर दिया जायेगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।मुशर्रफ को डर था कि वह उनके खिलाफ मामले शुरू कर सकते हैं। जरदारी सौदेबाजी के कारण किसी शासकीय आदेश के जरिये बर्खास्त जजों की बहाली के खिलाफ हैं और उन्होंने वर्तमान और बर्खास्त जजों की जगह नये चीफ जस्टिस का प्रस्ताव रखा है।नवाज शरीफ की पार्टी पीएमएल.एन के गठबंधन से हटने की संभावना है और उस सूरत में मुत्तहिदा कौमी मूवमैंट और पीएमएल-क्यू के काफी सांसद गठबंधन में शामिल होने को तैयार हैं। पाकिस्तान में शीघ्र ही महत्वपूर्ण राजनीतिक फैसले किए जाएंगे।
Thursday, August 21, 2008
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1 comment:
अभी तो ये शुरुआत है..
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