Monday, April 26, 2010

आईपीएल होता मापदंड तो बदल जाती भारतीय टीम

जरा सोचिए कि अगर ट्वेंटी-20 विश्व कप की टीम के चयन के लिए इंडियन प्रीमियर लीग का प्रदर्शन टीम मापदंड होता तो क्या युवराज सिंह, गौतम गंभीर, पीयूष चावला, प्रवीण कुमार और यहां तक की यूसुफ पठान को टीम में जगह मिल पाती।शायद नहीं क्योंकि तब वेस्टइंडीज जाने वाली पंद्रह सदस्यीय टीम में सौरभ तिवारी, रोबिन उथप्पा, अंबाती रायुडु, प्रज्ञान ओझा, अमित मिश्रा और इरफान पठान जैसे खिलाड़ी शामिल होते जिन्होंने आईपीएल में प्रभावशाली प्रदर्शन किया लेकिन वह के श्रीकांत की अगुवाई वाली चयनसमिति को प्रभावित करने में असफल रहे।कैरेबियाई देशों में 30 अप्रैल से शुरू होने वाले विश्व कप में भारत की जो टीम भाग लेगी उसमें कई ऐसे खिलाड़ी हैं जो अच्छी फार्म में नहीं चल रहे हैं। इनमें कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को भी शामिल किया जा सकता है जो आईपीएल में लगातार अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए। धोनी ने 13 मैच में 287 रन बनाए जिसमें दो अर्धशतक के अलावा दो शून्य भी शामिल हैं।भारतीय टीम हालांकि सबसे अधिक चिंतित युवराज की फार्म को लेकर है जिन्होंने 2007 में दक्षिण अफ्रीका में खेले गए पहले विश्व कप के दौरान इंग्लैंड के स्टुअर्ट ब्राड के एक ओवर में छह छक्के जमाए थे। किंग्स इलेवन पंजाब की तरफ से खेलने वाले युवराज ने आईपीएल थ्री के 14 मैच में 21.55 की औसत से केवल 255 रन बनाए। वह किसी भी मैच में 50 रन की संख्या नहीं छू पाए।युवराज ने स्वयं स्वीकार किया कि उनका आत्मविश्वास डगमगाया हुआ है और वह अपनी फिटनेस के प्रति भी वह पूरी तरह आश्वस्त नहीं हैं।सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग भी आईपीएल में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए थे लेकिन वह कंधे की चोट के कारण विश्व कप टीम से बाहर हो गए। उनके जोड़ीदार गंभीर ने भी 11 मैच में दो ही अच्छी पारियां खेली। बायें हाथ के इस बल्लेबाज ने 30.77 की औसत से 277 रन बनाए और उनके बल्ले से केवल दो छक्के निकले।बिगहिटर यूसुफ पठान ने 14 मैच में भले ही 333 रन बनाए लेकिन इनमें उनकी 100 और 73 रन की दो पारियां शामिल हैं। यदि इन दोनों पारियों को निकाल दिया जाता है तो उनके नाम पर बाकी 12 मैच में केवल 160 रन दर्ज होंगे। दिनेश कार्तिक ने 14 मैच में 21.38 की औसत से 278 रन बनाए और विकेट के पीछे 12 शिकार किए।यदि आईसीसी की अनुमति होती और चयनसमिति आज बैठक कर रही होती तो शायद इन खिलाडि़यों की जगह सौरभ तिवारी [16 मैच में 419 रन ], रोबिन उथप्पा [16 मैच में 31.16 और 171.55 की स्ट्राइक रेट से 374 रन] और अंबाती रायुडु [14 मैच में 356 रन और आठ मैच में विकेटकीपर के तौर पर छह शिकार] रखे जा सकते थे। इरफान पठान ने कई अवसरों पर बल्ले और गेंद से अच्छा प्रदर्शन किया और 14 मैच में 34.50 की औसत से 276 रन बनाने के अलावा 15 विकेट भी लिए।अब यदि गेंदबाजी की बात की जाए तो शायद चयनकर्ता यह सोच रहे होंगे कि उन्होंने प्रज्ञान ओझा या अमित मिश्रा को क्यों टीम में नहीं लिया। ओझा ने 16 मैच में 20.42 की औसत से आईपीएल में सर्वाधिक 21 विकेट लिए जबकि अमित मिश्रा ने 14 मैच में 21.35 की औसत से 17 विकेट हासिल किए। चेन्नई सुपरकिंग्स के स्पिनर आर अश्विन और शादाब जकाती ने भी उम्दा प्रदर्शन करके प्रभावित किया।भारतीय टीम में चुने गए लेग स्पिनर पीयूष चावला 14 मैच में 30.58 की औसत से 12 विकेट ही ले पाए और उनका इकोनोमी रेट [7.48] भी ओझा और मिश्रा से अधिक है।तेज गेंदबाजों में प्रवीण कुमार 12 मैच में 38.00 की औसत से आठ विकेट ही ले पाए। उनसे बेहतर प्रदर्शन तो आर पी सिंह सिद्धार्थ त्रिवेदी का रहा जो कि टीम में शामिल नहीं हैं। तेज गेंदबाज जहीर खान [14 मैच में 15 विकेट], आशीष नेहरा [चार मैच में छह विकेट] और हरभजन सिंह [15 मैच में 17 विकेट] ने अच्छा प्रदर्शन किया। आर विनयकुमार को तो आईपीएल में ही अच्छे प्रदर्शन [14 मैच में 16 विकेट] का इनाम मिला और टीम में चुना गया।भारतीय टीम में शामिल बल्लेबाजों में सुरेश रैना ने सर्वाधिक प्रभावित किया और 16 मैच में 520 रन बनाए। रोहित शर्मा [16 मैच में 404 रन] ने भी टुकड़ों में अच्छा प्रदर्शन किया जबकि मुरली विजय को सहवाग के बाहर होने के कारण उनके आईपीएल में अच्छे प्रदर्शन का ही इनाम मिला। विजय ने 15 मैच में 458 रन बनाए जिसमें 26 छक्के भी शामिल हैं।