Saturday, May 11, 2013

दर्द हमें होता है अहसास मां को होता है

संसार में आने के बाद बच्चे के मुंह से जो पहला शब्द निकलता है वह होता है मां। वास्तव में मां ही बच्चे को लाड-प्यार और मीठी झिड़कियों के साथ जीवन का पाठ पढ़ाती है, इसलिए हरेक के जीवन में मां की अहम भूमिका होती है। आज मातृ दिवस १२ मई के अवसर पर मां के प्रति उनकी भावनाओं को टटोला तो इस दुनिया में यदि सच्चा प्यार कहीं है तो वह मां का प्यार ही है। इस संसार में कोई ऐसा जो प्यार का खजाना पाना नहीं, बल्कि लुटाना जानता है तो वह मां ही है और कोई नहीं। दर्द हमें होता है लेकिन उसका अहसास होता है मां को। परीक्षा के दिनों में जब हम रात रातभर जागकर पढ़ा करते थे तो हमें यदि किसी चीज की आवश्यकता हो तो मां को कभी भी आवाज लगाने की नौबत नहीं आती। यदि हम परेशान हो या हमारी जरा सी भी तबीयत खराब हो तो बिना बताए ही मां को अहसास हो जाता है। सफलता की राह मां की प्रेरणा के बिना पूरी नहीं हो सकती। मां तेरी सूरत ही है भगवान की सूरत क्योंकि भगवान को तो किसी ने देखा नहीं, लेकिन भगवान भी मां जैसे होंगे जो सारे जग का पालन करते हैं और बदलते में कोई कामना नहीं करते। अखिलेश ने कहा कि अगर मां न होती तो इस संसार में प्यार, ममता, दुलार जैसी कोमल भावनाएं केवल शब्द बन कर ही रह जाते, मां की महिमा ही ऐसी है कि उसके आगे शब्द कम पड़ सकते हैं, इसलिए कहना कि मां जैसी कोई नहीं ठीक ही है।

Thursday, May 9, 2013

हर माह 37 अरब वीडियो देखते हैं भारतीय

भारत में इंटरनेट पर वीडियो देखने वालों की तादाद तेजी से बढ़ रही है। देश में हर महीने औसतन 3.7 अरब वीडियो देख जाते हैं। यह संख्या पिछले दो साल में बढ़कर दोगुनी हो गई है। दो साल पहले मार्च, 2011 में ऑनलाइन उपभोक्ताओं की संख्या 319.4 लाख थी, जो इस साल मार्च तक 540.2 लाख हो गई। इस समय भारत में 13 करोड़ 70 लाख लोग इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं और इसके उपभोक्ताओं की संख्या में भी इजाफा हो रहा है। पिछले दो साल में गूगल की ऑनलाइन वीडियो साइट यूट्यूब पर सबसे ज्यादा 315 लाख उपभोक्ताओं ने वीडियो देखे। फेसबुक पर यह आंकड़ा 186 लाख और याहू की साइट पर 82 लाख रहा। तेजी से बढ़ते ऑनलाइन वीडियो उपभोक्ताओं की संख्या बाजार और मीडिया दोनों के लिए महत्वपूर्ण अवसर है।

Thursday, May 2, 2013

सिर पर चोट से हुई सरबजीत की मौत

लाहौर की कोट लखपत जेल में हमलावरों का शिकार हुए सरबजीत की मौत सिर पर गहरी चोटें लगनी की वजह से हुई है। इस बात का खुलासा पाकिस्तान से भारत में लौटी सरबजीत की लाश का पोस्टमार्टम करने के बाद हुआ है। सिविल अस्पताल पट्टी में सरबजीत के शव का पोस्टमार्टम करने के लिए पांच सदस्यीय मेडीकल बोर्ड गठित किया गया था। पोस्टमार्टम से पूर्व जब सरबजीत का शव ताबूत से निकाला गया को उसके सरबजीत के मुंह से खून बह रहा था। जिसे देख कर पोस्ट मार्टम करने वाला बोर्ड भी हैरान था। लोगों में चर्चा थी कि शायद पाकिस्तान ने ऐसा जानबूझकर किया और उसने ऐसा अपनी बदनीयती का संदेश देने के लिए किया है। पोस्टमार्टम के दौरान सरबजीत के सिर के छह एक्सरे लिए गए जिनमें सिर की हड्डियां कनपटी व माथे से टूटी हुई पाई गईं। डाक्टरों की राय है कि सर्बजीत सिंह का वजन 90 से 95 किलो व सेहत तंदरुस्त थी और उसकी मौत सिर पर चोटें लगने की वजह से हुई है। डाक्टरों की टीम ने सरबजीत के शरीर की पूरी तरह से जांच भी की। जांच में यह भी सामने आया कि उसके सिर पर जान से मारने की नीयत से इतने बार किए गए कि उसका चेहरा ही बदल गया। सरबजीत के सिर पर गंभीर चोटों के कारण उसके मुंह का अकार चौड़ाई में बढ़ गया था। हालांकि अधिकारिक तौर पर पोस्टमार्टम की रिपोर्ट को गुप्त रखा है तथा चिकित्सक अब केमिकल टेस्ट करके इस बात का पता लगाने में जुटे हैं कि आखिर सरबजीत की मौत कब हुई थी। यह थे पोस्टमार्टम बोर्ड में शामिल फोरेंसिक विभाग के सहायक प्रोफेसर डाक्टर गुरमनजीत राय, हड्डी रोग विभाग के प्रोफेसर डाक्टर एचएस सोहल, शल्य चिकित्सा विभाग के प्रोफेसर डाक्टर सुधीर खिची, पैथोलाजिकल विभाग के प्रोफेसर डाक्टर अमरजीत सिंह, एनेसथिसिया विभाग की प्रोफेसर डाक्टर वीना चतरथ। दो घंटे चला पोस्टमार्टम सरबजीत की देह पट्टी सिविल अस्पताल में पहुंचने के बाद रात 9.47 बजे पोस्टमार्टम शुरू हुआ और 2.08 घंटे बाद रात 11.55 बजे तक चला।

सरबजीत: यातना के 23 साल

28अगस्त 1990 : सीमापार पाकिस्तान में गिरफ्तार। नौ महीने बाद परिवार को एक पत्र प्राप्त हुआ, जिससे सरबजीत के पाकिस्तान में कैद होने का पता चला। 04 सितंबर 1990 : पाकिस्तानी पुलिस ने नौ दिन बाद लाहौर की स्थानीय अदालत में उसे मनजीत सिंह बता कर पेश किया और 'रॉ का एजेंट व सीरियल बम ब्लास्ट का आरोपी करार दिया। सरबजीत को लाहौर व मुल्तान में सीरियल बम ब्लास्ट में 14 लोगों की मौत का आरोपी बताया गया। 03 अक्टूबर 1991 : अदालत ने सरबजीत को फांसी की सजा सुनाई। 27 दिसंबर 2001 : पाकिस्तान के उच्च न्यायालय ने सरबजीत की फांसी की सजा को बरकरार रखा। 30 अप्रैल 2008 : वर्ष 2007 में सरबजीत की फांसी की सजा को उच्च न्यायालय ने कन्फर्म करते हुए तीस अप्रैल 2008 फांसी की तिथि निर्धारित कर डाली। सरबजीत अपने वकील के माध्यम से फांसी माफी की दरखास्त पाक सर्वोच्च न्यायालय में ले गए। 24 जून 2009 : पाकिस्तान के सर्वोच्च न्यायालय ने सरबजीत के वकील के हाजिर न होने पर भी निचली अदालत के फैसले पर मुहर लगाते हुए फिर से सरबजीत की दया याचिका इसलिए रद कर दी। 28 मई 2012 : सरबजीत ने पांचवी व अंतिम दया याचिका पाकिस्तान के राष्ट्रपति के पास की। 26 जून 2012 : पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने दया याचिका स्वीकार करते हुए सरबजीत की फांसी की सजा को उम्र कैद में तब्दील कर दिया। 27 जून 2012 : पाकिस्तान की तरफ से सरबजीत सिंह को रिहा करने की घोषणा की गई, लेकिन चार घंटे बाद ही स्पेलिंग मिस्टेक बताकर पंजाब के ही सुरजीत सिंह को रिहा करने का एलान किया गया। 26 अप्रैल 2013 : पाकिस्तान की कोटलखपत जेल में कैदियों ने जानलेवा हमला किया। इसके बाद सरबजीत को लाहौर के जिन्ना अस्पताल में कोमा में भर्ती कराया गया।

कफन में लौटा लाल

-एयर इंडिया के विमान से देर शाम अमृतसर हवाई अड्डे पहुंचा ताबूत राजासांसी हवाई अड्डा पाकिस्तान की काल कोठरी में 23 साल जिल्लत की जिंदगी बसर करने के बाद पंजाब का लाल वीरवार शाम अपनी सरजमीं पर लौटा जरूर लेकिन कफन में लिपट कर। पाकिस्तान की कोट लखपत जेल में कातिलाना हमले से 'शहीद हुए सरबजीत का पार्थिव शरीर वीरवार शाम पौने आठ बजे श्री गुरु रामदास जी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे में एयर इंडिया के विशेष विमान से भारत पहुंचा। लगभग बीस मिनट के बाद सीमा सुरक्षा बल के विशेष हेलीकाप्टर से सरबजीत का पार्थिव शरीर सुर सिंह भेज दिया गया। यहां बनाए गए विशेष हेलीपैड में लैंडिंग होगी। इसके बाद सरबजीत के पार्थिव शरीर को एक एंबुलेंस में रख कर पट्टी के सिविल अस्पताल में ले जाया जाएगा, जहां डाक्टरों की एक टीम उसका पोस्टमार्टम करेगी। इससे पहले अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे में सरबजीत के ताबूत को वहां रखे गए स्कैनर से निकाला गया। सरबजीत का शव वीरवार शाम तीन बजे पाकिस्तान से पहुंचना था, लेकिन पाकिस्तान सरकार द्वारा बार बार शव भेजने में की जा रही देरी से हवाई अड््डे में इंतजार कर रहे मंत्रियों व उच्चाधिकारियों को कई घंटे बैठना पड़ा। हवाई अड्डे पर सीमा सुरक्षा बल, सीआइएसएफ व पंजाब पुलिस के कड़े सुरक्षा प्रबंध किए गए थे। इससे पूर्व लाहौर हवाई अड्डे से लगभग 7 बज कर दस मिनट पर एयर इंडिया के इस जहाज ने उड़ान भरी। 35 मिनट के बाद जहाज श्री गुरु रामदास जी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे में पहुंचा, जहां भारत सरकार का प्रतिनिधित्व कर रही विदेश राज्य मंत्री परनीत कौर, उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल, एससीएसटी कमीशन के वाइस चेयरमैन डा. राजकुमार, मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया, प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने सरबजीत के पार्थिव शरीर पर फूल माला चढ़ा कर श्रद्धा सुमन भेंट किए। लगभग दस मिनट के श्रद्धांजलि कार्यक्रम के बाद परनीत कौर, प्रताप सिंह बाजवा व अन्य कांग्रेसी नेता हवाई अड्डे से बाहर लौट गए। पत्रकारों से बातचीत करते हुए बीबी परनीत कौर ने कहा कि भारत की जेलों में सजा काट रहे सभी पाकिस्तानी कैदियों की सुरक्षा में कोई ढील नहीं आने दी जाएगी। भारत में पाकिस्तानी कैदियों पर हमले नहीं होते है। भारत एक जिम्मेदार देश है। बाजवा ने कहा कि इस पूरे मामले में पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय बिरादरी के आगे नंगा हो गया है। सरबजीत पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। इससे पूर्व बिक्रम मजीठिया ने कहा कि सरबजीत के परिवार ने उसके पुन: पोस्टमार्टम के लिए कहा है। उसके पोस्टमार्टम के लिए दो टीमों का गठन किया गया है। सरबजीत के परिवार ने उसकी हत्या में प्रयोग किए गए हथियारों, उसे कहां कहां चोट लगी है। कहीं शरीर का कोई अंग तो पाकिस्तान में निकाला गया, इसकी जांच के लिए दोबारा पोस्टमार्टम करने के लिए कहा गया है।