31 दिसंबर को रात बारह बजे के बाद जब दुनिया नए साल 2010 के जश्न में डूब ही रही होगी, आंशिक चंद्रग्रहण के दौरान देश में चांद का लगभग आधा हिस्सा थोड़ी देर के लिए धरती के 'आगोश' में समाता दिखाई देगा। सौरमंडल के मुखिया सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा की 'त्रिमूर्ति' की अद्भुत लुकाछिपी का नजारा 15 जनवरी 2010 को एक बार फिर निहारा जा सकेगा। इस दिन खंडग्रास सूर्यग्रहण के दौरान चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाएगा।आंशिक चंद्र ग्रहण की शुरूआत 31 दिसंबर को भारतीय समय के मुताबिक रात 12 बजकर 22 मिनट से होगी। चंद्रग्रहण रात एक बजकर 24 मिनट पर खत्म होगा।भारत में आंशिक चंद्रग्रहण रात 12 बजकर 53 मिनट पर अपने चरम स्तर पर होगा। इस दौरान देश में चांद के करीब पचास प्रतिशत भाग को कुछ देर के लिए पृथ्वी की छाया से ढंका देखा जा सकेगा। चंद्रग्रहण तब होता है, जब सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी आ जाती है। इस स्थिति में चंद्रमा पृथ्वी की ओट में आ जाता है, जिससे उस पर सूर्य की रोशनी नहीं पड़ पाती है। आंशिक चंद्रग्रहण के बाद 15 जनवरी 2010 को खंडग्रास सूर्यग्रहण होगा। इससे नए वर्ष के पहले महीने में दुर्लभ खगोलीय संयोग के 'चार चांद' लग जाएंगे।भारत में खंडग्रास सूर्यग्रहण सुबह 11 बजकर पांच मिनट से दोपहर तीन बजकर 30 मिनट तक दिखाई देगा। खंडग्रास सूर्यग्रहण के चरम स्तर पर सूर्य के 61 प्रतिशत से लेकर 92 प्रतिशत हिस्से को चंद्रमा ढक लेगा।
Sunday, December 27, 2009
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2 comments:
आपसे जानकारी लगी!!
Kaise hain sir, kya chal raha hai
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