Monday, December 7, 2009
जोशी ने अब रचा क्रिकेट मैदान में इतिहास
एक वोट से विधानसभा चुनाव हार कर इतिहास रचने वाले केन्द्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज मंत्री डा सी पी जोशी ने खेल की राजनीति में कदम रखने के साथ ही राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन (आरसीए) के अध्यक्ष पद के उम्मीदवार इंडियन प्रीमियर लीग के अध्यक्ष और बीसीसीआई के उपाध्यक्ष ललित मोदी को संघर्षपूर्ण मुकाबले में छह मतों से पराजित किया। आरसीए के इतिहास में यह पहला मौका है जब किसी सक्रिय राजनेता, केन्द्रीय मंत्री और राजस्थान प्रदेश कांगे्रस के अध्यक्ष डा सी पी जोशी ने खेल राजनीति की धुरंधर हस्ती को पटकनी दी है। डा जोशी अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिले के दिन ही अपनी जीत के प्रति आश्वस्त नजर आ रहे थे। मुख्यमंत्री के नजदीकी और आरसीए से लंबे समय से जुडे़ रहे शिव चरण माली के अध्यक्ष पद से अपना नाम वापस लेने के बाद डा जोशी और ललित मोदी के बीच कांटे की टक्कर होने की प्रबल संभावना नजर आने लगी। हालांकि डा. जोशी को निर्विरोध आरसीए अध्यक्ष पद पर ताजपोशी के लिए रविवार की देर रात तक कोशिशें चलीं लेकिन यह फलीभूत नहीं हो सकी।आईपीएल के जनक ललित मोदी को अपने ही घर में करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा। राजस्थान क्रिकेट संघ (आरसीए) की सत्ता हासिल करने की मोदी की छह महीने के भीतर दूसरी कोशिश नाकाम रही। भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (बीसीसीआई) के इस कद्दावर प्रशासक को अध्यक्ष पद के चुनाव में सोमवार को केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री सी. पी. जोशी ने 19-13 से मात दी। चुनाव के दौरान दोनों धड़ों के बीच झड़प भी देखी गई। बीसीसीआई उपाध्यक्ष और इंडियन प्रीमियर लीग के अध्यक्ष मोदी की यह दूसरी हार है। आरसीए अध्यक्ष के रूप में मोदी का कार्यकाल इस साल की शुरुआत में खत्म हो गया था। आरसीए के चुनाव साल भर के भीतर दूसरी बार हुए हैं क्योंकि एक मार्च को हुए चुनाव में मोदी को हराने वाले संजय दीक्षित अपने गुट को एकजुट नहीं रख सके और राज्य सरकार ने एक तदर्थ समिति का गठन किया। उच्चतम न्यायालय ने आज सोमवार को चुनाव कराने के निर्देश दिए थे जिसके लिए न्यायमूर्ति (सेवानिवृत) एन. एम. कासलीवाल को पर्यवेक्षक बनाया गया था। दीक्षित सचिव के रूप में आरसीए में लौटे हैं जिन्होंने राजेंद्र सिंह राठौड़ को 19-14 से हराया।सवाई मानसिंह स्टेडियम के भीतर जैसे ही चुनाव शुरू हुए माहौल गर्म हो गया और स्थिति समय खराब हो गई जब मोदी और जोशी के समर्थक संघ के कार्यालय के सामने ही एक दूसरे से भिड़ गए। बहुप्रतीक्षित चुनाव के लिए मतदान के बाद जैसे ही वोटों की गिनती शुरू हुई, दोनों गुटों के समर्थकों के बीच झगड़ा शुरू हो गया और बाद में पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा। मोदी ने आरोप लगाते हुए कहा कि मेरे कुछ समर्थकों को पीटा गया है। यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। यहां पर गुंडा तत्व है, उन्हे यहां नहीं होना चाहिए। मोदी के करीबी माने जाने वाले कोटा क्रिकेट संघ के सचिव अमिन पठान, जोधपुर क्रिकेट संघ के सचिव अंजनी माथुर और रमेश गुप्ता की पिटाई की गई है। मोदी ने कहा कि यह बड़े दु़ख की बात है कि क्रिकेट में यह सब हो रहा है। लोगों को बिना किसी कारण से धमकाया जा रहा है। राजस्थान क्रिकेट संघ में काफी समय से विवाद चल रहे हैं। एक मार्च को हुए चुनाव में संजय दीक्षित ने ललित मोदी को हरा दिया था, लेकिन संजय अपने ही गुट को एकजुट नहीं रख सके और राज्य सरकार ने क्रिकेट के कामकाज के लिए एक तदर्थ समिति का गठन कर दिया था। झगड़ा उस समय शुरू हो गया जब एक गुट के लोगों ने मोदी के साथ आरसीए परिसर में करीब आधा दर्जन सुरक्षाकर्मियों पर आपत्ति जताई और इसी के बाद दोनों गुटों में बहस शुरू हो गई जो बाद में झगड़े में बदल गई। सी. पी. जोशी ने अपने को इस विवाद से अलग करते हुए कहा कि मैं झगड़े के समय वहां नहीं था। मुझ पर किस तरह से आरोप लगाए जा सकते हैं। मैं तो केवल इतना जानता हूं दूसरे गुट के लोग सुरक्षाकर्मियों के साथ वहां गए। अगर आप वोट डालने जा रहे हैं तो सुरक्षाकर्मियों को साथ ले जाने की क्या जरूरत है।राजस्थान क्रिकेट संघ कार्यकारिणी इस प्रकार है।सीपी जोशी (अध्यक्ष), डा. विमल सोनी (डिप्टी अध्यक्ष), मानवेंद्र सिंह, राजेश कुमार माथुर, राजकुमार माथुर, सुशील शर्मा, विमल शर्मा और विवेक व्यास (सभी उपाध्यक्ष), संजय दीक्षित (सचिव), केके शर्मा, मुहम्मद इकबाल, नावेंदु त्यागी, प्रदीप नागर (सभी संयुक्त सचिव), महेंद्र शर्मा (कोषाध्यक्ष), बालकृष्ण उपाध्याय, फारूक अहमद, करुणेष जोशी और शक्ति सिंह राठौर (सभी आयोजक सचिव), देव राम चौधरी ्र मेघदूत पुष्कर्णा और एन. पाल सिंह (सभी कार्यकारिणी सदस्य)।
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