संत आसाराम बापू और दो अन्य के खिलाफ उनके एक पूर्व अनुयायी की हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया गया है। शनिवार देर रात साबरमती के रामनगर इलाके में दो अज्ञात व्यक्तियों ने राजू चांडक पर गोलियां चलाईं। इस मामले में एक एफआईआर दर्ज की गई है। चांडक के बयान के मुताबिक, आसाराम को प्रमुख आरोपी बनाया गया है। उन्हीं के कहने पर दो व्यक्तियों ने चांडक पर मोटरसाइकल से घर लौटते समय गोलियां चलाईं। चांडक वही शख्स है जो आश्रम के खिलाफ डी. के. त्रिवेदी आयोग के सामने पेश हुआ था। यह आयोग आश्रम में पढ़ने वाले दो छात्रों दीपेश और अभिषेक वाघेला की रहस्यमयी मौतों के मामले की जांच कर रहा है। साबरमती नदी के किनारे से लापता होने के दो दिन बाद इन दोनों के शव बरामद किए गए थे। बाद में राज्य सीआईडी ने आश्रम के सात शिष्यों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर उन पर गैर इरादतन हत्या और लापरवाही का मामला दर्ज किया था। हालांकि शिष्यों की एफआईआर खारिज करने की याचिका के बाद गुजरात हाई कोर्ट ने केस की जांच पर स्टे लगा दिया था। चांडक को कंधे और छाती में गोलियां लगीं। उसे एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसका ऑपरेशन हुआ। उसकी हालत स्थिर बताई जाती है। पुलिस ने बताया कि तीनों के खिलाफ हत्या के प्रयास और आपराधिक साजिश का मामला दर्ज किया गया है। अपराध में पिस्तौल का इस्तेमाल होने की वजह से शस्त्र अधिनियम के तहत भी आरोप लगाए गए हैं। पुलिस के मुताबिक, मामले की जांच की जा रही है पर हमले का कारण अब तक पता नहीं लगा है। आसाराम और उनके अनुयायी पहले भी विवादों में घिर चुके हैं। जुलाई 2008 में अहमदाबाद के उनके आश्रम में दो छात्र रहस्यमय हालात में मृत पाए गए थे। आश्रम पर आरोप लगने के बाद आसाराम के अनुयायियों ने खूब हंगामा किया और स्थानीय लोगों ने उनकी पिटाई कर दी। उनके अनुयायियों पर सूरत में जमीन हड़पने के भी आरोप हैं। पिछले माह उनके करीब 200 अनुयायियों को एक रैली के दौरान पुलिस पर पथराव करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
Sunday, December 6, 2009
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