Saturday, January 31, 2009

स्नानार्थियों का तांता


इसे संगम व मां गंगा की महिमा ही कही जानी चाहिए। शुक्रवार शाम तक काफी हद तक खाली नजर आ रहा माघ मेला क्षेत्र आधी रात के बाद भरना शुरू हो गया। सुबह होते होते इतनी भीड़ हो गयी कि मेला प्रशासन को कई बार श्रद्धालुओं को संगम से दूर ले जाना पड़ा। माघ मेला के चौथे महत्वपूर्ण स्नान पर्व वसंत पंचमी पर कुछ ऐसा ही नजारा रहा। वसंत पंचमी पर गंगा, यमुना व अदृश्य सरस्वती के पावन संगम पर डुबकी मारने के लिए श्रद्धालुओं की खासी भीड़ उमड़ी व लाखों श्रद्धालुओं ने भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच संगम में डुबकी लगाई। मेला प्रशासन ने इस दौरान सत्ताईस लाख श्रद्धालुओं के स्नान का दावा किया। वसंत पंचमी का स्नान पर्व शनिवार को पूर्ण धार्मिक श्रद्धा व परंपरा के साथ मनाया गया। इस पर्व पर स्नान के लिए श्रद्धालुओं का आना शुक्रवार रात से शुरू हो गया था। शाम को खाली नजर आ रहा मेला क्षेत्र सुबह होते होते पूरी तरह स्नानार्थियों से पट गया था। परेड, झूंसी व दारागंज सहित मेला क्षेत्र की ओर जाने वाले सभी मार्ग पूरी तरह से भरे रहे। भीड़ बढ़ने के चलते मेला प्रशासन ने कई बार श्रद्धालुओं को काली सड़क स्थित पुल से झूंसी की ओर भेजा तथा त्रिवेणी मार्ग स्थित पुल से घुमा कर वापस संगम क्षेत्र पहुंचाया। इस कवायद के बीच कई श्रद्धालुओं ने संगम की जगह गंगा में ही डुबकी लगाना बेहतर समझा। वसंत पंचमी के स्नान के लिए मेला क्षेत्र में सुरक्षा की विशेष व्यवस्थाएं की गई थीं। मेला प्रबंधन ने स्नान पर्व शांतिपूर्ण व दुर्घटना विहीन ढंग से संपन्न होने का दावा करते हुए कहा कि इस दौरान करीब 27 लाख स्नानार्थियों ने संगम में डुबकी लगाई।

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