देश के शहरों में गरीबी की वजह गांवों में अत्यधिक गरीबी होना नहीं बल्कि इसका कारण है देश का त्रुटिपूर्ण शहरीकरण। यह तथ्य शहरी गरीबी पर जारी देश की पहली रिपोर्ट में उजागर किया गया है। संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम की मदद से तैयार यह रिपोर्ट 'भारत शहरी गरीबी रिपोर्ट-2009' आवास एवं शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्रालय ने जारी की। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि करीब 23.7 प्रतिशत शहरी आबादी झोंपडपट्टियों में बदहाली की हालत में रह रही है लेकिन सभी झोंपडपट्टीवासी गरीबी की रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले लोग नहीं है। ये लोग कमजोर शहरी योजना, शहरी जमीनी प्रबंधन तथा कानूनों के कारण ऐसी स्थितियों में रहने को मजबूर हैं। शहरी गरीबी का तात्पर्य केवल पोषकता का अभाव नहीं बल्कि आवास, पानी, साफ सफाई, चिकित्सा, सुविधाएं, शिक्षा तथा धनउपार्जन के अवसरों की कमी से है। रिपोर्ट में कहा गया है कि यह रिपोर्ट शहरों में रहने वाले गरीबों पर नहीं बल्कि भारत में शहरीकरण की प्रक्रिया पर है जिसमें गरीबी को मुख्य बिन्दु की तरह रखा गया है।
Tuesday, February 3, 2009
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विचारणीय आलेख.
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