
वर्तमान सदी का पहला पूर्ण सूर्य ग्रहण 22 जुलाई को होगा। यह देश में भी दिखायी देगा। वाराणसी और इलाहाबाद जिलों में इसे आसानी से देखा जा सकेगा। शेष जिलों में यह आंशिक सूर्य ग्रहण के रूप में दिखेगा। ग्रहण के प्रभाव का अध्ययन करने के लिए 22जुलाई को बड़ी संख्या में देश व विदेश के वैज्ञानिक प्रभावित जिलों में जुटेंगे। २२ जुलाई को होने वाला पूर्ण सूर्य ग्रहण सूरत, इंदौर, भोपाल, जबलपुर, इलाहाबाद, वाराणसी, पटना को मिलाने वाली तीन सौ किलोमीटर की पट्टी पर दिखायी देगा। ख्ख् जुलाई को उक्त जिलों में दिन के समय अंधेरा छा जायेगा। सूर्य का आकार 'डायमंड रिंग' के रूप में दिखेगा। उक्त पट्टी के जिलों में पूर्ण सूर्य ग्रहण का समय तीन मिनट से कुछ अधिक रहेगा। उक्त पट्टी से बाहर के जिलों में केवल आंशिक सूर्य ग्रहण ही दिखायी देगा। क्या है सूर्य ग्रहण--सूर्य ग्रहण पृथ्वी, चन्द्रमा और सूर्य की वह खगोलीय स्थिति है जिसमें पृथ्वी और सूर्य के बीच चन्द्रमा आ जाता है। चन्द्रमा सूर्य के प्रकाश को पृथ्वी पर आने से रोक देता है नतीजा दिन के वक्त अंधेरा छा जाता है। देश में इससे पहले 16फरवरी 1980, 24अक्टूबर 1995, 11 अगस्त 1999 को पूर्ण सूर्यग्रहण दिखायी दिया था। इस सदी का अगला सूर्य ग्रहण २०३४ को दिखायी देगा। यह आंशिक ग्रहण होगा जो केवल कश्मीर में ही दिखायी देगा।
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आभार जानकारी के लिए.
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