भारतीय गणतंत्र के 60 वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित समारोह के दौरान राजपथ पर बिहार समेत विभिन्न राज्यों, मंत्रालयों और विभागों की ओर से झांकियां निकाली गयी। इसे समारोह में उपस्थित कजाख राष्ट्रपति, विदेशी राजदूतों, मेहमानों और कोने-कोने से आये लोगों का मन मोह लिया। समारोह के दौरान निकाली गयी झांकियों ने राजपथ पर कजाकिस्तान के राष्ट्रपति समेत वहां मौजूद तमाम लोगों को भारत की सांस्कृतिक विविधताओं तथा लोक कलाओं से परिचय कराया गया। इस अवसर पर कुल क्8 झांकियां निकाली गयी जिनमें से क्ख् राज्यों की तथा शेष विभिन्न मंत्रालयों एवं विभागों की थी। जबकि पिछली साल ख्म् झांकियां निकाली गयी थी। राज्यों की झांकियां आंध प्रदेश की सांस्कृतिक प्रस्तुती के साथ शुरू होकर जम्मू कश्मीर की झंाकी के साथ समाप्त हुआ। इसके बाद रेल मंत्रालय समेत कई विभागों की झांकियां प्रस्तुत की गयी। राज्यों की झांकियों में बिहार, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, जम्मू कश्मीर, मध्य प्रदेश समेत कुल क्ख् राज्यों की झांकियां प्रस्तुत की गयी। इस अवसर पर खादी एंव ग्रामीण उद्योग आयोग की भी झंकियां निकाली गयी तथा इसमें सूत कातने वाले चरखा समेत इससे जुड़े अन्य चीजों को पेश किया गया। गणतंत्र दिवस समारोह में निकाली गई इन झांकियों के माध्यम से भारत की सांस्कृतिक विविधताओं को प्रस्तुत किया गया तथा इनमें शामिल राज्यों ने अपनी अपनी संस्कृति तथा लोक कलाओं को पेश किया। बिहार की झांकी में मिथिलांचल की लोक कला के अद्भूत नजारे पेश किये गये तथा हवा में घुले मैथिली संगीत ने वहां मौजूद लोगों का मन मोह लिया। इसमें विश्व प्रसिद्ध मधुबनी पेंटिग को भी दर्शाया गया। इन झांकियों में कुछ राज्यों को छोड़कर अधिकांश राज्यों की झांकियां पिछले साल की तरह ही थीं तथा उनके प्रदर्शन में रचनात्मकता का अभाव दिखा तथा लोगों के बीच इसको लेकर कुछ खास प्रतिक्रिया नहीं देखी गयी। हालांकि महाराष्ट्र की झांकी में गाय के प्रतीकात्मक रूप को शामिल कर बेहतर नजारा पेश किया गया जिसे खासकर बच्चों ने खूब पसंद किया तथा हाथ हिलाकर कलाकारों का अभिवादन किया।
Monday, January 26, 2009
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2 comments:
achchha lekh bhai maja aa gaya ...
अनिल कान्त
मेरी कलम - मेरी अभिव्यक्ति
बढ़िया रपट.
आपको एवं आपके परिवार को गणतंत्र दिवस पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाऐं.
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