Thursday, July 31, 2008
पाक भी एटमी डील का इच्छुक
परमाणु करार पर भारत में प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह ने अपनी सरकार को दांव पर लगा दी थी किंतु सरकार कैसे बची इसे सभी लोग जान गए हैं क्या अमेरिका के साथ इस तरह के करार पर पाकिस्तान में हंगामें नहीं होंगे, विरोध नहीं होंगे, विपक्षी नेताओं को सदन में हंगामा करने का मौका नहीं मिलेगा, अवश्य ही वह सब होगा जो भारत में हुआ। पाकिस्तान भी चाहता है कि वह भी भारत से पीछे न रहे। इस बात की क्या गारंटी पाक दे पाएगा कि वह परमाणु ऊर्जा का उपयोग सिर्फ शांति के लिए करेगा। पाक तो अमेरिका से कहता कुछ और है और करता कुछ और है। इस बात की भी पूरी संभावना है कि वह भारत के लिए परमाणु बम का उपयोग करे। यह तो जग जाहिर हो चुका है कि पाक प्रशिक्षित आतंकी भारत में हमले कर रहें हैं, निर्दोषों की हत्या कर रहे हैं, कारगिल की लड़ाई भारत को क्यों लड़नी पड़ी थी, सभी जानते हैं। एक तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ाता है, तो दूसरी तरफ दुश्मनी का हाथ निकाल लेता है, यही पाक का उसूल रहा है भारत के लिए। कौन नहीं जानता है कि कश्मीर में आतंकी कहां से आ रहे हैं। कश्मीर के एक हिस्से को गुलाम कश्मीर के नाम से अपने कब्जे में किए हुए हैं। पाक हमेशा से शक के दायरे में रहा है। यह इसलिए कहना पड़ रहा है क्योंकि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री युसूफ रजा गिलानी ने पाकिस्तान के साथ परमाणु करार करने की इच्छा जताई है। अमरीकी दौरे पर गए गिलानी ने कहा है कि अमेरिका को पाकिस्तान के साथ भी परमाणु समझौता करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अमेरिका को दो दक्षिण एशियाई देशों के साथ भेदभाव नहीं बरतना चाहिए और उसने जिस तरह से भारत के साथ असैन्य परमाणु समझौता किया है, उसी तरह पाकिस्तान के साथ भी उसे समझौते के लिए पहल करनी चाहिए। अमेरिका में विदेशी संबंधों की समिति के अध्यक्ष रिचर्ड एन हास से मुलाकात के दौरान गिलानी ने कहा कि अमेरिका एक ही महाद्वीप के दो देशों के साथ अलग-अलग व्यवहार नहीं कर सकता। यदि वो भारत को परमाणु समझौते के लिए उचित मानते हैं, तो हम अपेक्षा करते हैं कि पाकिस्तान को भी करार का मौका दिया जाना चाहिए।गिलानी ने पाकिस्तान-अमेरिका के द्विपक्षीय संबंधों सहित आतंकवाद, घुसपैठ, आर्थिक मुद्दों और पाकिस्तान में लोकतंत्र से जुड़े पहलुओं पर भी चर्चा की। गिलानी ने कहा है कि भारत और अफगानिस्तान के साथ ही पाकिस्तान सभी पड़ोसी देशों के साथ बेहतर संबंध बनाना चाहता है। उन्होंने कहा कि हम भारत के साथ कश्मीर सहित सभी मसलों का समाधान करना चाहते हैं।
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