Thursday, July 24, 2008

बागी सांसदों पर कयामत

केंद्र सरकार के खिलाफ खड़ी हुयी विपक्षी पार्टियों के लोक सभा सदस्यों ने सदन में सरकार के विश्वास प्रस्ताव के पक्ष में या तो मतदान किया है व क्रास वोटिंग की है या फिर सदन से अनुपस्थित रहकर परोक्ष रूप से सरकार को लाभ दिया है। इन्हीं दलों के आकाओं ने बागी सांसदों पर कार्यवाही करनी शुरू कर दी है। इसी लाईन में माकपा ने अपने वरिष्ठ साथी व लोकसभाध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी को पार्टी से निष्कासित कर दिया है। सोमनाथ दादा इस निर्णय से आहत इतने हुए हैं कि इस आहत का घाव भरने के लिए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह उनके घर गए और उन्हें आश्वासन दिया कि संप्रग सरकार का बहुमत आपके साथ है। आप बिचलित न हों। वैसे देखा जाए हर सांसद अपने पार्टी के संविधान से बंधा हुआ है, वह उससे अलग निर्णय कैसे ले सकता है। जैसे देश एक कानून से चलता है वैसे ही सांसद भी पार्टी के नियमों से चलता है। उसे हर स्थिति में नियमों का पालन करना ही है, चाहे लोक सभा को चलाने वाला अध्यक्ष ही क्यों न हो उसे भी तो पार्टी के उल्लंघन पर घर से बाहर कर दिया गया है। उन्हें कुर्सी प्यारी थी न कि पार्टी।

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