गुजरात के अहमदाबाद में हुए सीरियल धमाकों से पूरा देश दहल गया, लोगों में असुरक्षा की भावना घर गयी। पूरा देश ही असुरक्षित है, जब भी आतंकी देश के किसी भी कोने में ब्लास्ट करते हैं तो हाई अलर्ट जारी का दिया जाता है, इसके बाद फिर वही बल सुस्त पड़ कर रह जाता है। यह धमाका तो हाई अलर्ट के दौरान ही हुआ है क्योंकि बैंगलुरु में हुए धमाकों के बाद गुजरात में भी हाई अलर्ट जारी हो गया था फिर भी वहां सीरियल धमाके हुए यह बड़े शर्म की बात है कि आतंकी धमाका करके सुरक्षित भाग जाते हैं और हम मुंह ताकते रहते हैं। सरकार तो अपनी कार्यवाही की इति श्री करती है मरने वालों व घायल वालों को मुआवजा देकर और समिति बनाकर जो इसकी जांच करेगी। क्या इतने भर से धमाकों की आवाज बंद हो पाएगी। देखा जाए तो पूरा देश ही बारूद के ढ़ेर पर खड़ा है। सरकार को यदि कुछ करना ही है तो उसे सुरक्षा बलों को बढ़ाना होगा। प्रमुख स्थानों पर सुरक्षा बलों को हमेशा के लिए ही लगा देना चाहिए और भीड़ वाले क्षेत्रों में भी बल नियमित रूप से लोगों की ईमानदारी से चेकिंग करे यदि ऐसा नहीं होता है तो देश में इस तरह की घटनाएं होती रहेंगी। अहमदाबाद धमाकों में मरने वालों की संख्या 45 हो गई है। इस बीच आज सुबह एक जिंदा बम बरामद होने से सनसनी फैल गई। हाटकेश्वर इलाके के जोगेश्वरी रोड पर आज सुबह कूड़ादान से एक जिंदा बम बरामद किया गया। अर्द्धगोलाकार इस बम को लाल और नीले रंग के टेप से लपेट कर रखा गया था। बम को देखते ही लोगों में दहशत फैल गई और पुलिस को इसकी सूचना दी गई। जिसके बाद बम निरोधक दस्ता मौके पर पहुंचा। आधे घंटे की मशक्कत के बाद ढाई किलो के इस बम को बम निरोधक दस्ते ने निष्क्रिय कर दिया है। पुलिस के अनुसार बम में टाइमर भी लगा था। यदि यह बम फट जाता तो काफी जान—माल के नुकसान की आशंका जताई जा रही है। हालांकि, इस बीच सुरक्षा एजेंसियां संदेह जता रही हैं कि जिस तरह से हर धमाके के बाद जिंदा बम मिल रहे हैं, वो आतंकाकारियों कोई रणनीति भी हो सकती है। जयपुर, बंगलौर और अब अहमदाबाद में धमाकों के बाद पुलिस को जिंदा बम मिले हैं। माना जा रहा है कि पुलिस को गुमराह करने के लिए आतंकी इस तरह की रणनीति बना रहे हों। आमतौर पर धमाकों के बाद मिलने वाले बमों के आधार पर ही पुलिस जांच की दिशा में आगे बढ़ती है। इसलिए माना जा रहा है कि पुलिस को असली गुनाहगारों से दूर रखने के लिए आतंकी हर धमाके के बाद एक ऐसा बम छोड़ जाते हैं, जो पुलिस को गुमराह करने वाला होता है।
उल्लेखनीय है कि बंगलौर में शुक्रवार को हुए सिलसिलेवार धमाकों के एक दिन बाद ही अहमदाबाद में सिलसिलेवार 16 धमाके हुए, जिसमें अब तक 45 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हो चुकी है और सौ से ज्यादा लोगों के घायल होने की खबर है। बम जयपुर धमाकों की तर्ज पर साइकिलों पर टिफिन में रखे गए थे। धमाको पहले आतंककारियों ने ई-मेल के जरिए धमकी भेजी थी। ई—मेल मिलने के पांच मिनट के भीतर ही सारे धमाके हुए।गुजरात के अहमदाबाद में हुए धमाकों की जांच के लिए केन्द्र की मदद से संघीय जांच एजेंसी बनाने का प्रस्ताव रखा है। गृहमंत्री शिवराज पाटिल ने कहा कि जिस तरह से देश के विभिन्न राज्यों में धमाके हो रहे हैं, उसे देखते हुए राज्य सरकारों की आम सहमति से एक संघीय जांच एजेंसी बनाई जाएगी।अहमदाबाद में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के बाद राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली को हाई अलर्ट पर रखा गया है और शहर में करीब 3000 अतिरिक्त पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है।गुजरात के अहमदाबाद में हुये श्रृंखलाबद्ध बम विस्फोटों के बाद उत्पन्न स्थिति की समीक्षा के लिए के लिए राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में विचार विमर्श किया गया। गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री जयनारायण व्यास ने कहा कि विस्फोट में मारे गये लोगों को मंत्रिमंडल के बैठक में श्रद्धांजलि दी गयी और गुजरात के लोगों से इस मुश्किल की घड़ी में शांति और सौहार्द बनाये रखने की अपील की गयी। उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल ने केंद्र सरकार द्वारा लोगों में विश्वास बनाये रखने के लिए अहमदाबाद में सेना के फ्लैग मार्च के निर्णय की सराहना की है। व्यास ने कहा कि मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने मृतकों के संबंधियों को क्षतिपूर्ति के रूप में पांच लाख रूपये तथा घायलों को 50 हजार रुपये देने के लिये शीघ्र कार्रवाई करने के निर्देश दिये।
Sunday, July 27, 2008
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1 comment:
नए धमाके होते रहेंगे... लोग मरते रहेंगे, और हम यूं ही बेबस देखते रहेंगे। अमरीका ने जो एक बार झेला, हम बार बार झेलने पर मजबूर हैं। कोई ठोस कदम नहीं, सिर्फ सांत्वना के दो शब्द, मुआवजे के पैकेज औऱ कार्रवाई का आश्वासन। जमीनी तौर पर खामियां वहीं, नए सिलिसलेवार धमाकों का डर भी वहीं। जिस अल्लाह के नाम पर वो धमाके करने की बात कर रहे हैं.... अब तो वो अल्लाह ही खैर करे।
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