चांद सितारों की दुनिया में दिलचस्पी रखने वाले तमाम लोगों का इंतजार कल खत्म हो जाएगा जब भोपाल, पटना, गया, वाराणसी, सूरत, उज्जैन, इंदौर, बड़ोदरा, सिलीगुडी, दार्जिलिंग जैसे शहरों में पूर्ण सूर्यग्रहण जबकि देश के अधिकांश क्षेत्रों में आंशिक सूर्यग्रहण देखा जा सकेगा। गुजरात, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में पूर्ण सूर्य ग्रहण देखा जा सकेगा जबकि शेष भारत के लोग भी आंशिक सूर्यग्रहण को देख सकेंगे। मानसून का समय होने तथा क्षितिज पर सूर्योदय के समय दृश्यता कम रहने के कारण भारत में सभी स्थानों पर सूर्यग्रहण दिखने में संदेह है। देश की विभिन्न खगोलीय संस्थाओं के ब्यौरे के अनुसार भोपाल में सूर्य ग्रहण सूर्योदय के साथ ही शुरू हो जाएगा, हालांकि पूर्ण सूर्यग्रहण छह बजकर 22 मिनट 11 सेंकेण्ड पर शुरू होकर छह बजकर 25 मिनट 23 सेकेंण्ड पर समाप्त होगा। इसी प्रकार, पटना में सूर्यग्रहण सुबह पांच बजकर 29 मिनट 57 सेकेंण्ड पर शुरू होगा जबकि पूर्ण सूर्यग्रहण छह बजकर 24 मिनट 37 सेकेंण्ड पर शुरू होकर छह बजकर 28 मिनट 24 सेकेंण्ड पर समाप्त होगा। वाराणसी में सूर्यग्रहण पांच बजकर 30 मिनट 03 सेकेंण्ड पर शुरू होगा हालांकि पूर्ण सूर्यग्रहण छह बजकर 24 मिनट 10 सेकेंण्ड पर शुरू होगा और छह बजकर 27 मिनट 17 सेकेंण्ड पर समाप्त होगा।गया में सूर्यग्रहण सुबह पांच बजकर 29 मिनट 34 सेकेंण्ड पर शुरू होगा जबकि पूर्ण सूर्यग्रहण छह बजकर 24 मिनट 26 सेकेंण्ड पर शुरू होकर और छह बजकर 27 मिनट 41 सेकेंण्ड पर समाप्त होगा। सूरत में सूर्यग्रहण की शुरूआत सूर्योदय से पूर्व होगी हालांकि लोग पूर्ण सूर्य ग्रहण छह बजकर 21 मिनट 16 सेकेंण्ड पर शुरू होने के बाद छह बजकर 24 मिनट 33 सेकेंण्ड तक देख सकेंगे। इसी प्रकार उज्जैन में सूर्यग्रहण की शुरूआत तो सूर्योदय से पूर्व होगी लेकिन पूर्ण सूर्यग्रहण छह बजकर 22 मिनट 51 सेकेंण्ड पर देखा जा सकेगा और यह छह बजकर 24 मिनट 30 सेकेंण्ड पर समाप्त होगा। बड़ोदरा में सूर्यग्रहण सूर्योदय से पहले से शुरू हो जाएगा जबकि पूर्ण सूर्यग्रहण का नजारा छह बजकर 22 मिनट 41 सेकेंण्ड पर देखा जा सकेगा और यह छह बजकर 23 मिनट 59 सेकेंण्ड पर खत्म होगा। सिलीगुड़ी में पूर्ण सूर्यग्रहण छह बजकर 26 मिनट 33 सेकेंण्ड पर शुरू होगा और छह बजकर 30 मिनट 23 सेकेंण्ड पर समाप्प्त हो जाएगा। दार्जिलिंग में पूर्ण सूर्यग्रहण छह बजकर 27 मिनट 01 सेकेंण्ड पर शुरू होने के बाद छह बजकर 29 मिनट 58 सेकेंण्ड पर समाप्त होगा। इसके अतिरिक्त खंडवा, मैहर, मिर्जापुर, मुजफ्फरपुर, पंचमढ़ी, पूर्णिया, रीवा, सागर, विदिशा, भरूच, कूचबिहार, कटिहार, दरभंगा, गंगटोक, बांकीपुर, सिलवासा, दमन, इटारसी, इटानगर, डिब्रूगढ़, जबलपुर जैसे इलाकों में पूर्ण सूर्यग्रहण देखा जा सकेगा। हालांकि खगोलविदों का कहना है कि मानसून का समय होने के कारण भारत में सभी स्थानों पर सूर्यग्रहण देखे जाने में संदेह है लेकिन कई ऐसे स्थान हो सकते हैं जहां क्षितिज बादलों से मुक्त हो और सौभाग्यशालियों को इसका सुंदर नजारा देखने को मिले।यह वर्ष 2114 तक होने वाले ग्रहणों में दीर्घतम पूर्ण सूर्यग्रहण होगा, जो देश के पश्चिम तट से आरंभ होकर नेपाल, बांग्लादेश, भूटान, बर्मा, चीन, जापान से होता हुआ प्रशांत महासागर में समाप्त होगा।
Tuesday, July 21, 2009
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
1 comment:
आभार जानकारी का.
Post a Comment