Saturday, July 11, 2009

मानसून की बेरूखी से लक्ष्य कठिन

जलवायु परिवर्तन एवं मानसून की बेरूखी से बारिश के लिए तरसते किसान और सूखे की आशंका के बीच उत्तरप्रदेश, पंजाब, हरियाणा और बिहार जैसे राज्यों में खरीफ फसलों की मामूली बुवाई से सरकार का नौ प्रतिशत के आर्थिक विकास दर और चार प्रतिशत कृषि विकास दर हासिल करने का चालू बजट में निर्धारित लक्ष्य पहुंच से दूर हो सकता है।इस वर्ष अभी तक पूरे भारत में 36 प्रतिशत कम बारिश हुई है जबकि कृषि प्रधान पश्चिमी उत्तरप्रदेश में 80 प्रतिशत कम वर्षा, पूर्वी उत्तर प्रदेश में 52 प्रतिशत कम, हरियाणा में 62 प्रतिशत कम और पंजाब में 71 प्रतिशत कम वर्षा हुई है। मानसून की बेरूखी के कारण पंजाब में अभी तक 19 लाख हेक्टेयर भूमि में बुवाई हुई है जो आमतौर पर 27.5 लाख हेक्टेयर होती थी। इसी प्रकार हरियाणा में पिछले वर्ष के तुलना में 55 प्रतिशत कम बुवाई हुई है जबकि उत्तरप्रदेश में 30 से 35 प्रतिशत क्षेत्र में ही रोपाई हुई है। इसके कारण खाद्यान्न उत्पादन में काफी कमी की आशंका व्यक्त की जा रही है। हालांकि, कृषि मंत्री शरद पवार ने कहा कि मानसून की स्थिति धीरे धीरे बेहतर होती जा रही है और जल्द ही अच्छी वर्षा होगी। सरकार हर स्थिति के लिए पूरी तरह से तैयार है।आजादी के बाद हम अपनी नीतियों में कृषि को एक उद्योग की शक्ल देने और मानसून पर निर्भरता को कम करने में विफल रहे हैं।जलवायु परिवर्तन के कारण कृषि पर गंभीर प्रभाव पड़ा है क्योंकि आजादी के 60 वर्ष गुजर जाने के बावजूद किसान खेती और सिंचाई के लिए आज भी मानसून पर निर्भर है।

1 comment:

Udan Tashtari said...

वो तो शायद हमेशा ही रहना पड़ेगा..कोई और रास्ता हो तो सुझायें...