कारगिल युद्ध की 10वीं वर्षगांठ पर शहीदों को आज पूरा राष्ट्र नम भरी आंखों के साथ श्रद्धांजलि दे रहा है।
देश की एकता और अखंडता की रक्षा के लिए उन्होंने अपने प्राण न्योछावर कर दिए। ऐसे शहीदों को मैं शेल्यूट करता हूं, जिन्होंने राष्ट्र के रक्षा के लिए अपने प्राणों की बलि दी। लड़ाई की वजह थी कि वर्ष 1999 की गर्मियों में जम्मू एवं कश्मीर में कारगिल की पहाडि़यों पर पाकिस्तानी घुसपैठियों ने कब्जा जमा लिया था।कारगिल की चोटियों को दुश्मन से मुक्त कराने के लिए दस साल पहले हुई लड़ाई में वीरगति को प्राप्त हुए सेनानियों के परिजनों के आंखों में आंसू थे, लेकिन चेहरों पर विजय का गर्व साफ साफ झलका। उनके लाडलों ने देश के लिए अपना सर्वोत्तम बलिदान दिया था। 26 जुलाई 1999 को शुरू हुई यह लड़ाई 59 दिन तक चली। लड़ाई में भारतीय सेना ने बटालिक, कारगिल और द्रास सेक्टरों में पाकिस्तानियों की कमर बुरी तरह तोड़ दी थी। 26 जुलाई 1999 को भारतीय बलों ने अपनी विजय की घोषणा की। आज राष्ट्र कारगिल फतह को विजय दिवस के रूप में मना रहा है।10 साल पहले युद्ध में सेना के 610 अधिकारियों और कर्मियों ने बलिदान दिया जिनमें वायु सेना के पांच कर्मी तथा दो नागरिक भी शामिल थे। कारगिल लड़ाई विश्व के सबसे ऊंचे युद्ध क्षेत्रों में से एक में लड़ी गई जिसके चलते भारत के लोग इस तरह एक होकर खड़े हो गए कि ऐसा पहले कभी नहीं देखा गया। उस समय उमड़े राष्ट्रभक्ति के अपार ज्वार से देश मजबूत हुआ। भारतीय सेना दुश्मन के छक्के छुड़ाने में सक्षम है। मुझे अपनी सेना पर गर्व है। लेकिन मैं इतना ही कहूंगा कि जो शहीद हुए हैं उनकी जरा याद करो कुर्बानी,ये मेरे वतन के लोगो, जरा आंख में भर लो पानी।
देश की एकता और अखंडता की रक्षा के लिए उन्होंने अपने प्राण न्योछावर कर दिए। ऐसे शहीदों को मैं शेल्यूट करता हूं, जिन्होंने राष्ट्र के रक्षा के लिए अपने प्राणों की बलि दी। लड़ाई की वजह थी कि वर्ष 1999 की गर्मियों में जम्मू एवं कश्मीर में कारगिल की पहाडि़यों पर पाकिस्तानी घुसपैठियों ने कब्जा जमा लिया था।कारगिल की चोटियों को दुश्मन से मुक्त कराने के लिए दस साल पहले हुई लड़ाई में वीरगति को प्राप्त हुए सेनानियों के परिजनों के आंखों में आंसू थे, लेकिन चेहरों पर विजय का गर्व साफ साफ झलका। उनके लाडलों ने देश के लिए अपना सर्वोत्तम बलिदान दिया था। 26 जुलाई 1999 को शुरू हुई यह लड़ाई 59 दिन तक चली। लड़ाई में भारतीय सेना ने बटालिक, कारगिल और द्रास सेक्टरों में पाकिस्तानियों की कमर बुरी तरह तोड़ दी थी। 26 जुलाई 1999 को भारतीय बलों ने अपनी विजय की घोषणा की। आज राष्ट्र कारगिल फतह को विजय दिवस के रूप में मना रहा है।10 साल पहले युद्ध में सेना के 610 अधिकारियों और कर्मियों ने बलिदान दिया जिनमें वायु सेना के पांच कर्मी तथा दो नागरिक भी शामिल थे। कारगिल लड़ाई विश्व के सबसे ऊंचे युद्ध क्षेत्रों में से एक में लड़ी गई जिसके चलते भारत के लोग इस तरह एक होकर खड़े हो गए कि ऐसा पहले कभी नहीं देखा गया। उस समय उमड़े राष्ट्रभक्ति के अपार ज्वार से देश मजबूत हुआ। भारतीय सेना दुश्मन के छक्के छुड़ाने में सक्षम है। मुझे अपनी सेना पर गर्व है। लेकिन मैं इतना ही कहूंगा कि जो शहीद हुए हैं उनकी जरा याद करो कुर्बानी,ये मेरे वतन के लोगो, जरा आंख में भर लो पानी।
1 comment:
अमर शहीदों को नमन.
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