Thursday, July 16, 2009

आखिर क्यों सुलगा यूपी, दुष्कर्म को पैसों से नहीं तौला जाता है

उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रीता बहुगुणा जोशी द्वारा उनके विरुद्ध की गई आपत्तिजनक टिप्पणी पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह कांग्रेस आलाकमान के इशारे पर की गई है। यह टिप्पणी अक्षम्य है। मायावती ने कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी को भी चपेटे में लेकर कहा कि उनके विरुद्ध जो भी कहा गया है उनके इशारे पर कहा गया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डा.जोशी के लखनउू स्थित आवास पर हुई तोड़फोड़ और आगजनी के पीछे कांग्रेसी कार्यकर्ताओं का हाथ हो सकता है , जो ऐसा करके डा.जोशी की अमर्यादित और निन्दनीय टिप्पणी से जनता का ध्यान हटाना चाहते हैं।मायावती ने जोशी द्वारा की गई टिप्पणी को कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं का समर्थन होने का आरोप लगाते हुए मांग की कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी इसके लिए माफी मांगें। सोनिया के लिए ऐसा कहना मायावती की मानसिक विकृति का पता चलता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के घर पर हुई तोड़फोड़ में बसपा का नाम जोड़ना सही नहीं है क्योंकि हमारी पार्टी अत्यंत अनुशासित है और तोड़ फोड़ अथवा बंद में उसका कोई विश्वास नहीं है। ऐसा कह कर वह अपनी ही पार्टी का मजाक उड़ा रही हैं। यदि यह अनुशासित पार्टी होती तो दर्जनों दर्ज फौजदारी मामलों के नेताओं को बसपा में शामिल नहीं करतीं। बाहुबली नेताओं से अनुशासन की उम्मीद नहीं की जा सकती।मायावती ने कहा कि केन्द्र में अगर उनकी सरकार बनती है तो वह ऐसा कानून लाएगी जिसमें सर्वसमाज की महिलाओं के खिलाफ अपराध करने वालों का अपराध अगर सिद्ध हो जाता है तो उन्हें आजीवन कारावास या फांसी की सजा देने का प्रावधान किया जाएगा। इसके अलावा ऐसे अपराध होने पर केवल अनुसूचित जाति अथवा अनुसूचित जनजाति की महिलाओं को ही नहीं बल्कि सर्वसमाज की महिलाओं को आर्थिक मुआवजा दिया जाएगा। मायावती को भारतीय दंड संहिता की शायद पूरी जानकारी कम है, दुष्कर्म के मामले में आरोप सिद्ध हो जाने पर ताउम्र कैद का प्रावधान है।मायावती ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने जिस मामले को लेकर उनके खिलाफ आपत्तिजनक एवं अमर्यादित टिप्पणी की थी उस मामले में कानून केन्द्र की कांग्रेस सरकार का ही बनाया हुआ है और कांग्रेस ने ही महिलाओं के खिलाफ अपराध की भरपाई पैसों से करने की व्यवस्था की है। बसपा प्रमुख ने दावा किया कांगे्रस ने हमेशा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के लोगों के साथ भेदभाव किया है इसलिए उसने एससीएसटी कानून बनाया जिसमें दलित महिलाओं के साथ बलात्कार अथवा अन्य अपराध होने पर उनकी कीमत पैसों से चुकाने का प्रावधान किया गया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने ही अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति की महिलाओं के खिलाफ अपराध की कीमत पैसों से चुकाने की परंपरा की शुरूआत की है। मायावती ने कहा कि अपराध की कीमत पैसों से चुकाने की व्यवस्था से बसपा सहमत नहीं है और इससे दलित अपमानित महसूस करते हैं। मायावती यह क्यों भूल जाती हैं कि देश में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के लोगों को आरक्षण कांग्रेस ने ही दिया है। इस आशय के साथ कि इस वर्ग का उत्थान हो सके। जहां तक बसपा की केंद्र में सरकार बनने का प्रश्न है, जैसा कि आज मायावती ने कहा, वह दिन में तारे देखने के बराबर है। संपन्न लोक सभा चुनाव में बसपा को जो कुछ भी सीटें आई हैं वह सिर्फ उत्तर प्रदेश से ही हैं। और देश के सारे कोने खाली रहे। इसके बावजूद भी पीएम का ख्वाब देख रहीं हैं। आज संसद के दोनों सदनों में भी रीता जोशी के विरुद्ध मामले दर्ज कर जेल भिजवाना मायावती की मानसिक विकृति का परिचय है। जोशी को जेल भिजवा कर वह क्या सिद्ध करना चाहती हैं।मायावती ने तो सोनिया पर भी निशाना साधा, पर सोनिया ने समझबूझ कर मायावती के बयान पर टिप्पणी की और कहा कि यूपी में गुंडाराज है। आखिर क्यों सुलगा यूपी। कहीं यह शह मात की लड़ाई तो नहीं है। लोकतंत्र में किसी की भावनाओं को दबाया नहीं जा सकता है। यदि गंभीरता से देखा जाए तो जोशी ने जो टिप्पणी दुष्कर्म को लेकर की वह गागर में सागर में है। दबी-कुचली महिलाओं के साथ हो रहे दुष्कर्म को जोर शोर से उठाकर मायावती को जोर का झटका देकर उसके एवज में ही जोशी पर केस दर्ज कर जेल भिजवाकर मानसिक विकृति का परिचय दिया।मायावती दुष्कर्म को पैसों से तोल रही हैं, यह पूरी तरह से गलत है। मायावती की सोच में फर्क है। प्रदेश में अब दुष्कर्म पर राजनीति गहरा गई है।

3 comments:

Arvind Mishra said...

पर भाई आखिर टिप्पणी क्या थी ?

दिवाकर प्रताप सिंह said...

2007 में यूपी के एक मदरसे में दो छात्राओं से रेप के मामले में मायावती ने भी ठीक इसी तरह का बयान दिया था।
मायावती ने तब मुलायम सिंह का नाम लेते हुए कहा था कि उनकी कोई बेटी नहीं है, लेकिन अगर उनके किसी रिश्ते की बेटी-बहू से रेप करा दिया जाए और उन्हें मुस्लिम समाज के लोग 2-2 लाख की बजाय चार-चार लाख रुपये का मुआवजा दें, तो उन्हें कैसा लगेगा?

Udan Tashtari said...

पूरा का पूरा घटनाक्रम ही अफसोसजनक, शर्मनाक और दुर्भाग्यपूर्ण है.