भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान मोहम्मद अज़हरूद्दीन ने अपने मशहूर स्ट्रेट ड्राइव के साथ राष्ट्रमंडल खेलों के सफल आयोजन के लिए वह मेहनत करे क्योंकि इससे देश की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। अज़हर ने सदन में अपने पहले भाषण में कहा कि राष्ट्रमंडल खेलों का आयोजन बहुत कठिन कार्य है। मंत्री को मेहनत करने की जरूरत है। यह आसान काम नहीं है। उन्होंने कहा कि कई सदस्यों ने उन्हें सलाह दी थी कि लोकसभा की अपनी पारी की शुरूआत वह छक्का जमा कर करें लेकिन यह काम मैंने अपने दोस्त नवजोत सिंह सिद्धू के लिए छोड़ दिया है जो इसमें माहिर हैं। सिद्धू भाजपा की ओर से सदन के सदस्य हैं। छक्का मारने की बजाय अजहर ने स्ट्रेट ड्राइव का सहारा लेते हुए अपनी ही सरकार और मंत्री से साफ-साफ बात कहना ज्यादा बेहतर समझा। सदन में आम बजट पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए उन्होंने कहा कि इन खेलों में बहुत से देश आ रहे हैं और इसके सफल आयोजन के लिए हमारी ओर देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रमंडल खेलों का अगर हमने अच्छा आयोजन कर लिया तो हम फिर ओलंपिक खेलों के आयोजन की मांग कर सकते हैं। यह बहुत बड़ा सम्मान है और यह हमारा लक्ष्य होना चाहिए।खेल मंत्री एमएस गिल सहित कई लोग राष्ट्र मंडल खेलों की धीमी गति से चल रही तैयारियों पर चिंता जता चुके हैं।अज़हर ने गिल को याद दिलाया कि वह खेल मंत्री से पहले मुख्य चुनाव आयुक्त भी रह चुके हैं इसलिए उन्हें चाहिए कि वे विभिन्न खेल संघों के समय पर स्वतंत्र निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव कराना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि खेल मंत्री अगर यह सुनिश्चित कर दें तो इसके अच्छे नतीजे निकलेंगे। उन्होंने कहा कि देश में क्रिकेट की बढि़यां देख भाल हो रही है लेकिन अन्य खेलों की स्थिति दयनीय है। इसके जड़ में जाते हुए उन्होंने कहा कि विभिन्न खेल संघों पर कुछ लोगों ने अपनी बपौती जमा रखी है। बरसों बरस वे वहां जमे रहते हैं। अगर यह हालात नहीं बदले तो खेल का भला नहीं होगा। खेल जीवन के दौरान हमेशा हल्के बल्ले से बल्लेबाजी करने वाले पूर्व क्रिकेट कप्तान ने भारतीय खेल प्राधिकरण की भारी बल्ले से खबर लेते हुए कहा कि एसएआई को दी जाने वाली राशि का अस्सी प्रतिशत कर्मचारियों के वेतन में चला जाता है। यह धन की आपराधिक बर्बादी है। यह समय की आपराधिक बर्बादी है। खेलों का स्तर बढ़ाने की जोरदार वकालत करते हुए उन्होंने कहा कि देश के लिए खेल ज़रूरी है। इनसे देश का सिर ऊंचा होता है। अज़हर ने देश के खेल की स्थिति पर स्ट्रेट ड्राइव करने के साथ सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में व्याप्त भ्रष्टाचार पर भी कुछ फ्लिक शार्ट लगाएं।ईमानदारी से कहा जाए तो राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना सहित सरकार की कई फ्लैगशिप परियोजनाओं में खामियां हैं जिन्हे दूर किए जाने की जरूरत है। क्रिकेटर से राजनीतिक बन चुकने का भी परिचय देते हुए अजहर ने लोकसभा के अपने पहले भाषण में अपने चुनाव क्षेत्र मुरादाबाद की समस्याओं को भी उठाया। उन्होंने वहां के मुरादाबादी बर्तन उद्योग को वैश्विक मंदी से बचाने और इस उद्योग के जुड़े शिल्पकारों के स्वास्थ्य पर खास ध्यान देने की सरकार से मांग की।मैं तो यही कहूंगा कि अजहर ने लोक सभा में पहला बजटीय भाषण में ही छक्का लगाकर फील्ड रूपी सदन के बुजुर्ग सांसद खिलाड़ी गेंद को लपकने के लिए तरसा दिया और छक्के पर छक्का लगाते गए, यह देखकर सदन स्तब्ध रह गया।
Tuesday, July 14, 2009
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1 comment:
अजहर को बधाई!
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