आसमान पर निगाह रखने वाले लोग 21 शताब्दी के सबसे लंबे सूर्य ग्रहण का इंतजार कर रहे हैं। पश्चिम, मध्य, पूर्व और पश्चिमोत्तर भारत के लोग इस ऐतिहासिक मौके का नजारा 22 जुलाई को देखेंगे। पूर्ण ग्रहण तब लगता है जब सूर्य को चंद्रमा पूरी तरह से ढक लेता है। पृथ्वी पर एक संकरी सी पट्टी पर से ही इस पूर्ण ग्रहण को देखा जा सकता है। भारत और नेपाल सहित बांग्लादेश, भूटान, म्यांमार और चीन से सूर्य ग्रहण को अच्छी तरह देखा जा सकेगा।
भारत में चांद की छाया सूरत, इंदौर, भोपाल, वाराणसी और पटना पर पड़ने वाली है। भूटान से गुजरने के बाद ग्रहण नेपाल, बांग्लादेश और म्यांमार में भारतीय समयानुसार सुबह के 6:35 बजे दिखेगा। चीन के सबसे बड़े शहर शंघाई में सूर्य ग्रहण पांच मिनट तक रहेगा। अगला पूर्ण सूर्य ग्रहण 11 जुलाई 2010 को दक्षिण प्रशांत, चिली और अर्जेंटीना में देखा जा सकेगा।
भारत में चांद की छाया सूरत, इंदौर, भोपाल, वाराणसी और पटना पर पड़ने वाली है। भूटान से गुजरने के बाद ग्रहण नेपाल, बांग्लादेश और म्यांमार में भारतीय समयानुसार सुबह के 6:35 बजे दिखेगा। चीन के सबसे बड़े शहर शंघाई में सूर्य ग्रहण पांच मिनट तक रहेगा। अगला पूर्ण सूर्य ग्रहण 11 जुलाई 2010 को दक्षिण प्रशांत, चिली और अर्जेंटीना में देखा जा सकेगा।
3 comments:
हम भी इसी की तैयारी में लगे हैं, थोड़े वैज्ञानोक तरीक़े से थोड़े रीति के तरीक़े से!
हमने भी इंतजार लगा रखा है इस ऐतिहासिक वैज्ञानिक घटना के साक्षी बनने के लिये।
आभार जानकारी का.
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