खगोल प्रेमियों के लिए कल का दिन महत्वपूर्ण है जब वह इस सदी में सबसे अधिक अवधि तक दिखाई देने वाले सूर्यग्रहण को देखेंगे। 15 जनवरी को लगने वाला वलयाकार सूर्यग्रहण 21वीं सदी में सबसे लम्बी अवधि तक दिखाई देने वाला ग्रहण होगा। धरती और सूर्य के बीच से चंद्रमा के गुजरने पर सूर्यग्रहण लगता है जिससे आंशिक अथवा पूरी तरह सूर्य ढक जाएगा। वलयाकार सूर्यग्रहण तब लगता है जब चांद सामान्य की तुलना में धरती से दूर हो जाता है। नतीजतन उसका आकार इतना नहीं दिखता कि वह पूरी तरह सूर्य को ढक ले। वलयाकार सूर्यग्रहण में चांद के बाहरी किनारे पर सूर्य 'आग के घेरे' की तरह काफी चमकदार नजर आता है जिसका लैटिन भाषा में अर्थ है 'रिंग'। भारत के कुछ हिस्सों में यह दस मिनट से अधिक समय तक दिखेगा। भारत में वह केरल, तमिलनाडु और मिजोरम के ऊपर दिखाई देगा जबकि उसका कुछ हिस्सा देश में सभी जगह से नजर आएगा।भारत के अलावा वलयाकार सूर्यग्रहण अफ्रीका, हिन्द महासागर, मालदीव, श्रीलंका और दक्षिण-पूर्व एशिया में दिखाई देगा। सूर्यग्रहण की शुरूआत सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक में 05:13:54 :यूनिवर्सल टाइम : पर शुरू होगी और यह 08:59:01 पर चायनीज यल्लो सी के तट पर खत्म होगा। कुल मिलाकर सूर्यग्रहण 11 मिनट 08 सेकेन्ड से अधिक समय तक रहेगा। सबसे अधिक ग्रहण 07:06:31 यूटी पर लगेगा। दिल्ली में यह सुबह 11 बजकर 53 मिनट पर शुरू होगा और अपराह्न तीन बजकर 11 मिनट पर खत्म होगा।
Thursday, January 14, 2010
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