Thursday, August 6, 2009

धुंधला दिखा चंद्रग्रहण


पीली आभा से दमकता पूर्ण चंद्रमा आज सुबह उपच्छाया ग्रहण के असर से हल्के लाल रंग का हो गया। इस ग्रहण का विश्वभर के वैज्ञानिकों और शौकिया खगोलविदों ने बारीकी से निरीक्षण किया। चंद्र ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा इस तरह से धरती के पीछे आ जाता है कि धरती सूर्य की किरणों के चांद तक पहुंचने में अवरोध लगा देती है। उपच्छाया चंद्र ग्रहण में धरती की परछाई का हल्का हिस्सा चंद्रमा पर पड़ता है। ग्रहण सुबह चार बजकर 34 मिनट 17 सेकेंड पर शुरू हुआ और सुबह सात बजकर 34 मिनट नौ सेकेंड पर खत्म हुआ। ग्रहणीय संयोजन सुबह साढ़े छह बजे हुआ, जबकि ग्रहण सुबह छह बजकर 10 मिनट 11 सेकेंड पर अपने चरम पर था। ग्रहण के दौरान चंद्रमा मकर राशि तारामंडल में था, इसलिए यूरोप, दक्षिणी अमेरिका तथा अफ्रीका में यह स्पष्ट रूप से नजर आया। चंद्रग्रहण को पूर्वी उत्तर अमेरिका में उगते हुए और एशिया में ढलते हुए देखा गया।यह ग्रहण 0.899 मैग्नीट्यूड के साथ वर्ष का सबसे धुंधला उपच्छाया ग्रहण था। इस साल गत 22 जुलाई को हुआ पूर्ण सूर्य ग्रहण दो उपच्छाया चंद्र ग्रहणों के बीच पड़ा था। एक उपच्छाया चंद्र ग्रहण गत सात जुलाई को हुआ था ्र जबकि दूसरा आज पड़ा। इससे पहले इस तरह का अंतिम उदाहरण 1908 में देखने को मिला था और इस तरह का अगला उदाहरण 2074 में देखने को मिलेगा। देश नौ फरवरी और सात जुलाई को पहले ही दो उपच्छाया चंद्र ग्रहण देख चुका है। एक और आंशिक चंद्र ग्रहण 31 दिसंबर को पड़ेगा। 22 जुलाई को लोगों ने पूर्ण सूर्य ग्रहण देखा था जो अब 123 साल बाद दिखेगा।

1 comment:

Vinay said...

बहुत ज्ञानवर्धक लेख है
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