Saturday, August 15, 2009

सूखे को झेल रहा भारत ने मनाई अपनी 63वीं आजादी







वैश्विक मंदी, कमजोर मानसून, स्वाइन फ्लू और आतंकवाद के स्याह साए के बीच रोशनी और बेहतर भविष्य की उम्मीद के साथ कृतज्ञ राष्ट्र ने शनिवार को 63वां स्वतंत्रता दिवस मनाया।
स्वतंत्रता दिवस का मुख्य समारोह राजधानी दिल्ली में मनाया गया जहां देश के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने लालकिले की प्राचीर से देशवासियों को संबोधित करते हुए उन्हें आश्वस्त किया कि हालात ऐसे नहीं है कि डर और घबराहट की वजह से हमारे रोजमर्रा के काम रुक जाएं। यकीन है कि हम इन परिस्थितियों का सामना बखूबी कर पाएंगे।
उधर, देश के विभिन्न भागों में स्वतंत्रता दिवस का राष्ट्रीय पर्व परंपरागत ढंग से मनाया गया। सभी राज्यों की राजधानियों में भव्य समारोहों का आयोजन कर तिरंगा फहराया गया। प्रधानमंत्री ने देश में सूखे की स्थिति से निपटने के लिए किसानों को हर संभव मदद देने का वादा करने के साथ स्वाइन फ्लू से निपटने के लिए कारगर कदम उठाने की भी बात कही। प्रधानमंत्री ने अर्थव्यवस्था में सुधार के प्रति आशा व्यक्त करते हुए कहा कि इस वर्ष के अंत तक विकास की रफ्तार में काफी सुधार होगा। देश के 63वें स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने रिमझिम फुहारों और 21 तोपों की सलामी के बीच ऐतिहासिक लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र ध्वज तिरंगा फहराया।प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के भाषण के प्रमुख बिंदु :- कालाबाजारी बर्दाश्त नहीं,-कोई भूखा नहीं रहेगा,-एच1एन1 फ्लू से भयभीत होने की जरूरत नहीं। दैनिक कामकाज बाधित नहीं होना चाहिए,-देश के हर नागरिक को समृद्ध और सुरक्षित बनाना होना और उन्हें एक सम्मानित जिंदगी देनी होगी,-नौ फीसदी की विकास दर हासिल करना सबसे बड़ी चुनौती है। हम आशा करते हैं कि इस साल के अंत तक स्थिति में सुधार होगी,-कठिन स्थिति से सामना और सामाजिक दायित्व के निर्वाह के लिए व्यापारियों और उद्योगपतियों से सहयोग की अपील,- इस साल मानसून में कमी दर्ज की गई है। सूखे से निपटने के लिए हम अपने किसानों को हर संभव सहयोग मुहैया करवाएंगे,-किसानों की ऋण अदायगी तारीख बढ़ा दी गई है। इसके अलावा किसानों को लघु काल के ऋणों पर ब्याज की अदायगी में अतिरिक्त सहयोग दिया जाएगा,- हमारे पास आनाज का पर्याप्त भंडार है। अनाजों, दालों और अन्य जरूरी चीजों की कीमतों को रोकने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे,-देश को एक और हरित क्रांति की जरूरत। कृषि चार फीसदी के विकास का लक्ष्य पांच वर्षो में हासिल कर लिया जाएगा,-खाद्य सुरक्षा कानून बनाया जाएगा जिसके तहत गरीबी की रेखा से नीचे रहने वाले प्रत्येक परिवार को निम्न दर पर एक निश्चित मात्रा में आनाज मिलेगा,-महिलाओं व बच्चों की जरूरतों के लिए विशेष कदम उठाए जाएंगे। मार्च 2012 तक आईसीडीएस के तहत छह साल के तक के सभी बच्चों को शामिल किया जाएगा,-नरेगा योजना में और सुधार किया जाएगा और इसे ज्यादा पारदर्शी व जिम्मेदार बनाया जाएगा,-शिक्षा का अधिकार कानून बन गया है, धन की कोई कमी नहीं होगी,-विकलांग बच्चों की जरूरतों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा,-माध्यमिक शिक्षा को बढ़कर यह सुनिश्चित किया जाएगा देश के हर बच्चे को इससे लाभ मिले,- बैंक ऋण और छात्रवृत्ति अधिक से अधिक छात्रों को मुहैया करवाई जाएगी,-आर्थिक रूप से पिछले छात्रों को नई योजना के तहत कम ब्याज दर पर शिक्षा ऋण मिलेगा। इससे लिए करीब पाच लाख छात्रों को लाभ मिलेगा,-राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन में गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों को शामिल किया जाएगा,-भारत निर्माण के लिए अतिरिक्त कोष आवंटित किया जाएगा,- भौतिक आधारभूत सुविधाओं के विकास में तेजी लाई जाएगी और प्रति दिन 20 किलो मीटर राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण होगा,- रेलवे ने फ्रेट कॉरीडोर पर काम शुरू कर दिया है।,-जम्मू एवं कश्मीर और पूर्वोत्तर राज्यों में सड़क, रेल और विमान परियोजनाओं का विस्तार होगा,-देश को झुग्गी-झोपड़ी मुक्त बनाने के लिए राजीव आवास योजना की शुरुआत,-भारत जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटेगा,- जवाहर लाल नेहरू राष्ट्रीय सौर्य ऊर्जा मिशन की शुरुआत 14 नवंबर को होगी,-ऊर्जा संरक्षण की एक नई संस्कृति की जरूरत।

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