Monday, February 16, 2009

रुपया कहां से आता है और कहां जाता है

सरकार के राजस्व का एक बड़ा हिस्सा उधार से आता है और इसी तरह खर्च का एक बड़ा हिस्सा ब्याज चुकाने में जाता है। सरकार के खजाने में आने वाले प्रत्येक एक रुपये में से उन्तीस पैसे उधार से, बाईस पैसे कारपोरेट कर से और बारह पैसे आयकर से आता है। बाकी में दस पैसे सीमा शुल्क से और बाकी के दस पैसे गैर-कर राजस्व मद से आते हैं। सेवा कर की हिस्सेदारी छह पैसे की होती है जबकि गैर-उधार पूंजी का हिस्सा एक फीसदी होता है। इसी तरह व्यय मद में प्रत्येक एक रुपये में बीस पैसे ब्याज पर खर्च होते हैं जबकि अट्ठारह पैसे केंद्रीय योजनाओं पर। केंद्र सरकार को प्रत्येक एक रुपये में से पंद्रह पैसे राज्यों को देने पड़ते हैं। अन्य गैर- बजटीय खर्च मद में चौदह पैसा जाता है। रक्षा मद में प्रति रुपये तेरह पैसे खर्च होते हैं जबकि खाद्यान, उर्वरक और ऊर्जा सब्सिडी के रूप में नौ पैसे खर्च होते हैं। राज्य व संघ शासित प्रदेशों की योजनाओं और गैर योजना सहयोग मद में क्रमश: सात और चार फीसदी खर्च होते हैं।

3 comments:

इष्ट देव सांकृत्यायन said...

मतलब यह कि भारत सरकार की स्थिति भी भारत के आम नागरिक जैसी ही है. चलिए, जानकर थोडा संतोष हुआ.

Udan Tashtari said...

अरे, मतलब भारत सरकार मैं हुआ?? :)

संगीता पुरी said...

अच्‍छी जानकारी दी आपने....