Thursday, November 26, 2009

26/11 की पहली बरसी, शहीदों को सलाम


मुंबई में पिछले वर्ष 26 नवंबर को हुए आतंकवादी हमलों की पहली बरसी के दिन जनजीवन सामान्य रहा। मुंबई हमले की पहली बरसी पर स्थानीय लोग आतंकवाद के समक्ष नहीं झुकने का स्पष्ट संकेत देते हुए अपनी रोजमर्रा के गतिविधियों में जुटे रहे लेकिन इस दौरान उन्होंने आतंकवादी हमलों में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि भी दी। हजारों लोगों ने छत्रपति शिवाजी टर्मिनल (सीएसटी) पर मुंबई हमलों में मारे लोगों को श्रद्धांजलि दी। यहां रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के जवानों ने भी श्रद्धांजलि दी।होटल ट्राइडेंट-ओबरॉय में भी पीडि़तों को श्रद्धांजलि दी गई। लियोपोल्ड कैफे के बाहर भी कई लोग इकट्ठा हुए, जहां पिछले साल आज के ही दिन आतंकवादियों ने हमला किया था।
यह देश 26 नवंबर 2008 को आतंकवादियों को मुंहतोड़ जवाब देने वाले सुरक्षाबलों के अदम्य साहस और मुंबईवासियों के दृढ़ इरादों को सलाम करता है। साथ ही सरकार से अपील है कि वह देश से आतंकवाद के कलंक को पोंछने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए।उल्लेखनीय है कि पिछले साल 26 नवंबर को 10 आतंकवादियों ने मुंबई के अलग-अलग हिस्सों में हमला बोल दिया था, जिसमें 166 लोग मारे गए थे। सुरक्षा बलों की 60 घंटे की कार्रवाई में नौ आतंकवादी मारे गए थे। सुरक्षा बलों ने मोहम्मद अजमल आमिर कसाब नाम के एक आतंकवादी को जिंदा पकड़ा, जो अभी जेल में है।आतंकवादी हमलों की पहली बरसी के मद्देनजर मुंबई में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। शहर के सभी प्रमुख स्थलों पर वाहनों की जांच की जा रही है।आतंकवादी हमलों में मारे गए लोगों की याद में कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं लेकिन सुबह अन्य दिनों की तरह ही बसों और लोकल ट्रेनों में भीड़ देखी गई।चौपाटी, हाजी अली, प्रभादेवी, वर्ली, बांद्रा, जोगोश्वरी और मुंबई हवाई अड्डे जैसे स्थलों पर विशेष रूप से सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। आतंकवादी हमलों में मारे गए लोगों की याद में कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। कुछ निजी और सरकारी कार्यालयों में मृतकों की याद में दो मिनट का मौन भी रखा गया।
उल्लेखनीय है कि पिछले साल 26 नवंबर को 10 आतंकवादियों ने मुंबई के अलग-अलग हिस्सों में हमला बोल दिया था, जिसमें 166 लोग मारे गए थे। सुरक्षा बलों की 60 घंटे की कार्रवाई में नौ आतंकवादी मारे गए थे। सुरक्षा बलों ने मोहम्मद अजमल आमिर कसाब नाम के एक आतंकवादी को जिंदा पकड़ा, जो अभी जेल में है।मानवता की शक्ति को ऐसे हमलों से कुन्द नहीं किया जा सकता। मुंबई के लोगों ने हमलों के बाद हालात जल्द ही सामान्य कर अपनी आत्मशक्ति जाहिर कर दी।मुंबई आतंकी हमलों में मारे गए लोगों को देश भर में श्रद्धांजलि दी गई। आतंकवाद सभ्य समाज का सबसे बड़ा शत्रु है। आतंकवाद को परास्त करना हर अमन पसंद देश का कर्तव्य है।सभ्य समाज में आतंकवाद को किसी भी रूप में उचित नहीं ठहराया जा सकता। जो भी देश शंाति और प्रगति चाहता है, उसका कर्तव्य है कि आतंकवाद की बुरी ताकतों का प्रतिरोध करे और उन्हें परास्त करे।आतंकवादियों के वैश्विक नेटवर्क, उनके असीमित संसाधनों और अत्याधुनिक हथियारों के साथ उनके कुत्सित इरादों को ध्यान में रखते हुए सभी देशों द्वारा मानवता के उन शत्रुओं की समाप्ति के लिए समन्वित कार्रवाई करने की तत्काल जरूरत है।आतंकवाद मानवता के लिए सबसे गंभीर खतरा है। उन्होंने कहा कि आतंकवादियों की विवेकहीन हिंसा के चलते कई परिवार तबाह हो गए।मजबूत इच्छाशक्ति, प्रतिबद्ध कार्रवाई के साथ हम आतंकवाद का प्रभावी मुकाबला करने में सक्षम होंगे।मुंबई हमलों में मारे गए भारतीय और विदेशी नागारिकों के सम्मान में उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।

1 comment:

Hiteshita Rikhi said...

आलेख अच्छा है हमारी भी विनम्र श्रद्धाँजली