द ग्रैंड ओल्डमैन आफ इंडिया के नाम से मशहूर दादा भाई नौरोजी ब्रिटिश संसद में चुने जाने वाले पहले एशियाई थे। संसद सदस्य रहते हुए उन्होंने ब्रिटेन में भारत के विरोध को प्रस्तुत किया। दादा भाई नौरोजी ने भारत की लूट के संबंध में ब्रिटिश संसद में ड्रेन थ्योरी पेश की। इस ड्रेन थ्योरी में भारत से लूटे हुए धन को ब्रिटेन ले जाने का उल्लेख था।नौरोजी अपनी वाक कला से लोगों को अचंभित करते थे। वह जब ब्रिटिश संसद के लिए सदस्य चुने गए तो उन्होंने संसद में कहा कि मैं धर्म और जाति से परे एक भारतीय हूं।वह कहा करते थे कि जब एक शब्द से काम चल जाए तो दो शब्दों का प्रयोग नहीं करना चाहिए। एक लिबरल के रूप में वह १८९२ में हाउस आफ कामंस के लिए चुने गए।नौरोजी एक कुशल उद्यमी थे। 1939 में पहली बार नौरोजी की जीवनी लिखने वाले आर पी मसानी ने जिक्र किया है कि नौरोजी के बारे में 70 हजार से अधिक दस्तावेज थे, जिनका संग्रह ठीक ढंग से नहीं किया गया।
Tuesday, June 30, 2009
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