Thursday, October 14, 2010

शुक्रिया दिल्ली, अब ग्लासगो में मिलेंगे

दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में 19वें कॉमनवेल्थ गेम्स का भव्य समापन समारोह हुआ। 14 अ क्टूबर की शाम को दुनिया ने भारतीय संस्कृति की बेहतरीन झलक देखी। इसके साथ ही दिल्ली कॉमनवेल्थ गेम्स के विधिवत समापन की घोषणा हुई और 2014 में ग्लासगो में फिर मिलने का संकल्प लिया गया। इस मौके पर भारतीय ओलिंपिक ऑर्गेनाइजेशन के चेयरमैन सुरेश कलमाड़ी ने कहा कि भारत के लिए यह समापन नहीं, बल्कि भारतीय खेलों की नई शुरुआत है। इसके बाद कॉमनवेल्थ गेम्स का झंडा दिल्ली के उपराज्यपाल तेजेंद्र खन्ना ने ग्लासगो के गवर्नर को सौंप दिया। इसके पहले कॉमनवेल्थ गेम्स के समापन समारोह की भव्य शुरुआत हुई। कार्यक्रम की शुरुआत में सबसे पहले वैदिक ऋचाओं का सस्वर पाठ किया गया। इसके बाद परंपरागत भारतीय कला का बेहतरीन नमूना हमारे उत्तर-पूर्व राज्य के कलाकारों ने दिखाया। इसके बाद भारतीय सेना के तीनों अंगों ने बेहतरीन सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किए। मिलिटरी बैंड के धनों पर देशभक्ति गीतों ने समां बांध दिया। फिर बारी आई स्कूली बच्चों की। दिल्ली के इन स्कूली बच्चों ने वंदे मातरम् और शानदार रंगोली से दर्शकों का मनमोह लिया। इसके बाद गेम्स के सफलतापूर्वक समापन में सहयोग देने वाले वॉलिंटियर्स ने कार्यक्रम पेश किए।
भारत ने तमाम अड़चनों के बावजूद इस खेल का आयोजन सफलतापूर्वक कराया। समापन समारोह में देश प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, यूपीए की चेयरपर्सन सोनिया गांधी, कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी सहित कई गणमान्य व्यक्ति कार्यक्रम स्थल जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में पहुंच चुके हैं। समापन समारोह के मुख्य अतिथि श्रीलंका के प्रेजिडेंट महिंद्रा राजपक्षे भी रंगारंग कार्यक्रम का लुत्फ उठा रहे हैं। इन वीवीआईपीज के अलावा आम दर्शकों से भी स्टेडियम खचाखच भरा हुआ है। दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में 19कॉमनवेल्थ गेम्स के समापन समारोह की शुरुआत हो चुकी है। स्टेडियम के बाहर और भीतर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था है। देश के तमाम गणमान्य नेता गण कार्यक्रम में मौजूद हैं। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्रीलंका के प्रेजिडेंट महिंद्रा राजपक्षे मौजूद हैं। समापन समारोह में मौजूद दर्शकों के उत्साह को देखते ही बन रहा है। गौरतलब है 19वें कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत का अब तक का सबसे बेहतरीन प्रदर्शन रहा है। इस गेम्स में भारत ने 38 गोल्ड, 27 सिल्वर और 36 ब्रॉन्ज मेडल जीते हैं।

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