Tuesday, August 10, 2010

कामन के वेल्थ के नाम पर नेताओं का अपना वेल्थ

नई दिल्ली में तीन अक्टूबर से आरंभ होने जा रहे कामनवेल्थ गेम्स को लेकर पैसे के मामले में घमासान मचा हुआ है। एक तो गेम्स की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है। कोई भी स्टेडियम अभी तक पूरी तरह से फिट नहीं हैं। चौदह दिन के खेल के लिए लगभग 13 हजार करोड़ रुपये पानी की तरह बहाया जा रहा है। लगभग एक दिन में एक हजार करोड़ रुपये खर्च होने जा रहे हैं, यह सब उन कागजों का कमाल है जो नेताओं की फाइलों में बंद हैं। ऐसा नहीं है कि नई दिल्ली को गेम्स के लिए भरपूर समय न दिया गया हो। एशियाड 1982 के बाद देश की राजधानी में इतने बड़े गेम्स हो रहे हैं। नेताओं और अधिकारियों ने खेल से जुड़ी कई परियोजनाओं को जानबूझकर पूरा करने में देरी की है, जिससे निर्माण लागत बढ़ी। देखा जाए तो अबतक सारी परियोजनाएं पूरी हो जानी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। मैं स्पष्ट कह देना चाहता हूं कि गेम्स के बाद कामनवेल्थ गेम्स की आयोजन समिति के सभी पदाधिकारियों, अधिकारियों, मंत्रीगण आदि पर सीबीआई जांच बिठाई जाए। प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह ने पहले ही कह दिया था कि पैसे की कोई कमी नहीं होने दूंगा। लेकिन नेतागणों और अधिकारियों तथा ठेकेदारों के बीच पैसे का बंदरबांट चल रहा है।देखा जाए तो भारत में इस तरह के खेल के आयोजन के लिए जगह सही नहीं है। भारत में इस तरह के खेल के आयोजन नहीं होने चाहिए। जहां पर भ्रष्टाचार का बोल बाला हो।यदि ईमानदारी से और अच्छा होमवर्क करके कार्य किया गया होता तो आज यह दुर्दशा नहीं होती। जबकि कोई भी नए स्टेडियम नहीं बन रहे हैं। बने हुए स्टेडियमों का जीर्णोद्धार किया जा रहा है।

1 comment:

honesty project democracy said...

बने हुए स्टेडियमों का जीर्णोद्धार नहीं बल्कि जो भी था उसका भी सत्यानाश किया गया है ..इन भ्रष्ट बेशर्मों को कुछ कहते नहीं बनता है इनको बेशर्म कहना भी बेशर्म की बेईज्त्ति होगी ..