आशा भोसले पुरकशिश आवाज की मल्लिका और उनके गानों ने न केवल छह पीढि़यों का दिल बहलाया बल्कि गायिकी के क्षेत्र में एक नया प्रतिमान भी स्थापित किया। वह आज 75 बसंत पूरे कर रहीं हैं। हर पीढ़ी के दिल की धड़कन रही बहुविध गानों को सुर देने वाली आशा भोसले के प्लेटिनम जुबली के मौके पर सारेगामा इंडिया लिमिटेड प्रिसियस प्लेटिनम नाम से नया एलबम जारी किया है। जब आशा भोसले ने 1948 में गायिकी का सफर शुरू किया था तो फिल्म जगत में शमशाद बेगम, गीता दत्त और लता मंगेशकर पार्श्व गायिकी के क्षेत्र में काबिज थी। हालांकि आशा की आवाज की मधुरता, गाने की अलहदा स्टाइल और उतार चढ़ाव ने पार्श्व गायन में उनका एक अलग मुकाम बना दिया। गाने की स्थिति के साथ आवाज में परिवर्तन करना उनकी एक और खासियत रही है। आशा भोसले ने हिन्दी और मराठी सहित भारतीय भाषाओं में 12 हजार से अधिक गाने गाये। उनके गाये एलबमों ने भी लोगों को बहुत लुभाया और बेहद प्रभावित किया। उन्हें देश के दूसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया।
Monday, September 8, 2008
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हाड़-मांस से ऊपर एक सुरीली रूह आशाजी को पिचहत्तरवें जन्म दिन पर प्रणाम
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