बॉलिवुड ऐक्टर संजय दत्त और फिल्म प्रड्यूसर शकील नूरानी के बीच वित्तीय विवाद में बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले के बाद दत्त का दफ्तर भी कुर्क कर दिया गया। घर पर कुर्की वॉरंट मंगलवार को ही लगा दिया गया था।
इस बीच पूरे मामले में नया मोड़ तब आ गया जब संजय दत्त के वकील ने दावा किया कि उनके मुवक्किल को नूरानी के कहने पर फिरौती और जान से मारने की धमकी मिली थी। वकील ने कहा, ‘ सन् 2005 में संजय से फिरौती मांगी गई थी और न देने पर जान से मारने की धमकी मिली थी। पुलिस में इसकी शिकायत भी दर्ज कराई गई थी। ’
धमकी के आरोप के जवाब में नूरानी ने पलटवार करते हुए कहा, ' संजय दत्त के अब भी अंडरवर्ल्ड से संबंध हैं। मैंने उन्हें जान से मारने की धमकी नहीं दी बल्कि उन्होंने ही मुझे कई बार धमकी दी थी। संजय दत्त ने मुझसे कहा था कि वो मुझे गोली मरवा देंगे। ’ जब नूरानी से पूछा गया कि यदि उन्हें संजय दत्त की ओर से जान से मारने की धमकी मिली थी तो उन्होंने इसकी रिपोर्ट पुलिस में क्यों नहीं लिखवाई, तो नूरानी ने कहा कि वह अभी इस बारे में असोसिएशन से चर्चा के बाद ही कोई कदम उठाएंगे।
नूरानी ने संजय दत्त को अपनी फिल्म 'जान की बाजी' के लिए बतौर साइनिंग अमाउंट 50 लाख रुपये दिए थे। संजय दत्त डेट्स देने के बाद भी शूटिंग के लिए नहीं आए। इसके बाद नूरानी, संजय दत्त से 2.03 करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति की मांग करते हुए इंडियन मोशन पिक्चर्स प्रड्यूसर्स असोसिएशन (इंपा) में चले गए थे। ऐसे वित्तीय विवादों को इंपा और सिने आर्टिस्ट्स असोसिएशन के बीच पंचाट के जरिये सुलझाने का समझौता है। इस साल जनवरी में इंपा ने इस मामले में मुंबई में संजय दत्त की दो संपत्तियों को कुर्क करने का फैसला सुनाया था। इस फैसले पर मुंबई हाई कोर्ट ने भी मंगलवार को मुहर लगा दी थी।
नूरानी ने कहा, इंपीरियल हाइट्स स्थित उनके घर को कुर्क करने का वॉरंट मंगलवार को ही सौंपा गया था। बुधवार को वेस्ट सांताक्रूज स्थित ऑफिस पर भी कुर्की का नोटिस चस्पा कर दिया गया। संजय दत्त मुंबई में हैं, लेकिन दोनों ही जगहों पर वॉरंट सौंपे जाने के वक्त वह मौजूद नहीं थे।
नूरानी ने कहा,'घर पर संजय दत्त के जीजा ओवेन रोनकोन मौजूद थे जबकि आज दफ्तर में उनका सेक्रेटरी मौजूद था।' फिल्म प्रड्यूसर के वकील के मुताबिक, ऐक्टर के पास अभी भी यह विकल्प है कि वह दावे की रकम 30 दिनों के अंदर अदा कर दें। ऐसा नहीं होने पर उनके घर और ऑफिस की नीलामी कर दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि संजय दत्त इस आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दे सकते थे लेकिन उन्होंने इंपा के आदेश को चुनौती नहीं दी और इसलिए उनके कैंपस में नोटिस चिपका दिया गया।
उधर, संजय दत्त के वकील सतीश मनेशिंदे ने बताया कि वह हाई कोर्ट और इंपा के फैसले पर विचार करेंगे, जिसके बाद इस बारे में कोई उचित फैसला किया जाएगा।
Wednesday, December 29, 2010
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