कोहरे में ड्राइव करने से पहले अपनी गाड़ी को तैयार कर लें। सबसे जरूरी चीज है फॉग लैंप। फॉग लैंप की मदद से आप कोहरे में हेडलाइट के मुकाबले ज्यादा अच्छी तरह और ज्यादा दूर तक देख सकते हैं।
फॉग लैंप्स हेडलाइट्स की तरह ज्यादा दूर तक रोशनी नहीं फेंकते। इनसे निकलने वाली रोशनी कम दूरी तक जाती है, लेकिन ज्यादा वाइड एरिया कवर करती है।
फॉग लाइट्स को हमेशा कार के बंपर में नीचे की ओर फिट करवाना चाहिए। इसका फायदा यह होता है कि लाइट्स सड़क के करीब रहती हैं जिससे घने कोहरे के वक्त कार के आगे की सड़क ज्यादा साफ दिखाई देती है। कारों के हाईएंड मॉडलों में ये पहले से ही फिट होती हैं और निचले वैरियंट्स में इन्हें लगाने की जगह होती है।
अगर गाड़ी में फॉग लाइट लगाने की जगह है, तो कंपनी के सर्विस सेंटर में जाकर ही फिटिंग कराएं। सैंट्रो की फॉग लाइट्स करीब 5,500 रुपये में, ऑल्टो की 3,600 रुपये में, डिजायर की 3,700 और होंडा सिटी की 22,900 रुपये में लगती हैं। अगर आप सस्ते में छूटना चाहते हैं, तो कश्मीरी गेट या करोल बाग के ऑटो माकेर्ट में जाकर भी लगवा सकते हैं।
कुछ लोग अपनी कारों और जीपों के ऊपर फॉग लाइट्स लगवा लेते हैं, लेकिन इससे कोहरे में कोई फायदा नहीं मिलता। ऊपर लगी लाइटों से ड्राइवर को तो देखने में कोई मदद नहीं ही मिलती, इनसे सामने से आने वाली गाडि़यों के ड्राइवरों को भी दिक्कत होती है।
कोहरे में ड्राइविंग : कुछ सावधानियां
हाई बीम नहीं : कोहरे में हेडलाइट्स को कभी भी हाई बीम पर न रखें। ऐसा करने से कोहरे में रोशनी बिखर जाती है और कुछ नजर नहीं आता। हेडलाइट्स हमेशा लो बीम पर रखें। इससे न सिर्फ आपको देखने में आसानी होगी, बल्कि सामने वाले को भी गाड़ी की सही स्थिति का पता चल सकेगा।
खुद को दिखाना भी जरूरी : आमतौर पर लोग यह सोचते हैं कि कोहरे में ज्यादा साफ कैसे देखा जाए, लेकिन यह देखना भी उतना ही जरूरी है कि आप को भी सड़क पर चलने वाले दूसरे गाड़ी वाले अच्छी तरह देख सकें। कुछ लोग कोहरे में हेडलाइट्स बंद करके सिर्फ फॉग लाइट्स जला लेते हैं। यह भी खतरनाक हो सकता है क्योंकि दूर से आने वाले को फॉग लाइट्स दिखाई नहीं देतीं, जबकि लो बीम पर जली हेडलाइट्स को दूसरे ड्राइवर्स आसानी से देख सकते हैं।
धीमे चलें : कोहरे में एक्सिडेंट्स बढ़ जाते हैं और इसकी वजह होती है खराब विजिबिलिटी में भी तेज रफ्तार और जल्दबाजी। खुद को और दूसरों को सेफ रखने के लिए धीरे चलें। स्पीडोमीटर पर नजर रखें। ऐसा देखा गया है कि कुछ देर कोहरे में चलने के बाद ड्राइवर खुद को ऐडजस्ट कर लेता है और गाड़ी की स्पीड बढ़ने लगती है। ओवरटेक करने से जितना हो सके, बचें।
इंडिकेटर थोड़ा जल्दी : कोहरे में चलने का अच्छा तरीका है कि आगे वाली कार या बस वगैरह के पीछे अपनी गाड़ी लगा दें। आम दिनों के मुकाबले थोड़ी ज्यादा दूरी बनाए रखें, ताकि इमरजेंसी में ब्रेक लगाने के लिए वक्त मिल जाए। कोहरे में सड़कें भी गीली रहती हैं इसलिए ब्रेक के लिए ज्यादा दूरी रखना अच्छा रहता है। अगर कहीं मुड़ना है तो काफी पहले से इंडिकेटर दे दें जिससे दूसरी गाडि़यों को टाइम मिल जाए।
सड़क का किनारा देखें : घने कोहरे में चलने का सबसे अच्छा तरीका है, सड़क के बाएं किनारे को देखकर उसके साथ-साथ चलते रहें। इससे गाड़ी एक सीधी दिशा में बिना इधर-उधर भटके चलती रहेगी। कुछ बड़ी सड़कों पर पीले रंग की लाइनें भी होती हैं। सड़क के किनारे के साथ बनी पीली लाइन को फॉलो करके भी चल सकते हैं। सड़के के बीचोबीच न चलें।
Saturday, December 25, 2010
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