कोहरे में हेडलाइट्स को कभी भी हाई बीम पर न रखें। ऐसा करने से कोहरे में रोशनी बिखर जाती है और कुछ नजर नहीं आता। हेडलाइट्स हमेशा लो बीम पर रखें। इससे न सिर्फ आपको देखने में आसानी होगी, बल्कि सामने वाले को भी गाड़ी की सही स्थिति का पता चल सकेगा।
सड़क का किनारा देखें
घने कोहरे में चलने का सबसे अच्छा तरीका है, सड़क के बाएं किनारे को देखकर उसके साथ-साथ चलते रहें। इससे गाड़ी एक सीधी दिशा में बिना इधर-उधर भटके चलती रहेगी। कुछ बड़ी सड़कों पर पीले रंग की लाइनें भी होती हैं। सड़क के किनारे के साथ बनी पीली लाइन को फॉलो करके भी चल सकते हैं। सड़के के बीचोबीच न चलें।
इंडिकेटर जल्दी
कोहरे में चलने का अच्छा तरीका है कि आगे वाली कार या बस वगैरह के पीछे अपनी गाड़ी लगा दें। आम दिनों के मुकाबले थोड़ी ज्यादा दूरी बनाए रखें, ताकि इमरजेंसी में ब्रेक लगाने के लिए वक्त मिल जाए। कोहरे में सड़कें भी गीली रहती हैं इसलिए ब्रेक के लिए ज्यादा दूरी रखना अच्छा रहता है। अगर कहीं मुड़ना है तो काफी पहले से इंडिकेटर दे दें जिससे दूसरी गाडि़यों को टाइम मिल जाए।
खुद को दिखाना भी जरूरी
आमतौर पर लोग यह सोचते हैं कि कोहरे में ज्यादा साफ कैसे देखा जाए, लेकिन यह देखना भी उतना ही जरूरी है कि आप को भी सड़क पर चलने वाले दूसरे गाड़ी वाले अच्छी तरह देख सकें। कुछ लोग कोहरे में हेडलाइट्स बंद करके सिर्फ फॉग लाइट्स जला लेते हैं। यह खतरनाक हो सकता है क्योंकि दूर से आने वाले को फॉग लाइट्स दिखाई नहीं देतीं, जबकि लो बीम पर जली हेडलाइट्स को दूसरे ड्राइवर्स आसानी से देख सकते हैं।
फॉग लैंप में इनका रखें ध्यान
-फॉग लैंप्स हेडलाइट्स की तरह ज्यादा दूर तक रोशनी नहीं फेंकते। इनसे निकलने वाली रोशनी कम दूरी तक जाती है, लेकिन ज्यादा वाइड एरिया कवर करती है। फायदा यह होता है कि फॉग लैंप की रोशनी इस तरह से सड़क पर फैलती है कि घने कोहरे के बीच भी गाड़ी के आगे का रास्ता दिखता रहता है।
- फॉग लाइट्स को हमेशा कार के बंपर में नीचे की ओर फिट करवाना चाहिए। इसका फायदा यह होता है कि लाइट्स सड़क के करीब रहती हैं जिससे घने कोहरे के वक्त कार के आगे की सड़क ज्यादा साफ दिखाई देती है। कारों के हाईएंड मॉडलों में ये पहले से ही हेडलाइट के नीचे फिट होती हैं और निचले वैरियंट्स में इन्हें लगाने की पहले से ही जगह छोड़ी गई होती है।
- कुछ लोग अपनी कारों और जीपों के ऊपर फॉग लाइट्स लगवा लेते हैं , लेकिन इससे कोहरे में कोई फायदा नहीं मिलता। ऊपर लगी लाइटों से ड्राइवर को तो देखने में कोई मदद नहीं ही मिलती लेकिन सामने से आने वाली गाडि़यों के ड्राइवरों को जरूर सामने का कुछ भी दिखना बंद हो जाता है।
दिसंबर की ठंड ने पिछले दस सालों का रेकॉर्ड तोड़ दिया है। अधिकतम पारा लुढ़ककर 18.8 डिग्री तक पहुंच गया। दिन भर आसमान घने कोहरे के आगोश में छिपा रहा। धूप न खिलने की वजह से पूरे दिन कंपकंपी का अहसास होता रहा।
शनिवार की शाम से कोहरे का असर बढ़ना शुरू और रविवार को दोपहर तक कुछ कम हुआ। सुबह करीब 9.30 बजे तक कई इलाकों में दृश्यता का स्तर 50 मीटर से कम हो गया था। हालांकि छुट्टी का दिन होने की वजह से थोड़ी राहत रही, लेकिन बाहर निकलने वालों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। दोपहर तक लोग गाडि़यों की लाइट जलाकर ड्राइव करते दिखे। धुंध का असर पूरी तरह से छंटने के इंतजार में ही शाम हो गई और दोबारा इसका असर बढ़ने लगा। मौसम विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, इस दौरान अधिकतम तापमान सामान्य से तीन डिग्री कम और न्यूनतम एक डिग्री कम रेकॉर्ड किया गया। इस बार दिसंबर में जितनी ठंड हुई है, इतनी पिछले दस सालों के दौरान नहीं देखी गई थी। भारतीय मौसम विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, इस दौरान दिसंबर में कभी भी अधिकतम तापमान इतना नीचे नहीं गया था, लेकिन इस बार महीने के दूसरे सप्ताह में ही ठंड ने रफ्तार पकड़ ली थी। पहले न्यूनतम तापमान में गिरावट शुरू हुई और सारे रेकॉर्ड टूट गए और अब अधिकतम तापमान भी लगातार गिर रहा है।
मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक, फिलहाल पश्चिमी विक्षोभ और अपर एयर साइकलोनिक सर्कुलेशन, दोनों प्रभावी हैं। ऐसे में, मंगलवार तक दिल्ली सहित चंडीगढ़, हरियाणा, राजस्थान, पंजाब और पश्चिमी यूपी में घने कोहरे का असर बरकरार रहेगा। हालांकि रात के तापमान में बदलाव के आसार नहीं हैं, मगर दिन में ठंड बढ़ सकती है, क्योंकि तेज धूप नहीं खिलेगी। बुधवार तक दिल्ली में बारिश होने की भी आशंका है। इसके बाद कोहरा छंट जाएगा, लेकिन ठंडी हवाएं चलनी शुरू हो सकती हैं।
पिछले पांच साल में 26 दिसंबर को दर्ज अधिकम तापमान
साल अधिकतम तापमान (डिग्री)
2009- 21
2008- 25
2007- 24
2006- 23
2005- 21.
Monday, December 27, 2010
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