केरल के सबरीमाला में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए कल की 14 जनवरी एक बार फिर काली साबित हुई। इसके पहले यहां दो बार 14 जनवरी को हादसे हो चुके हैं।
इस धार्मिक स्थल पर 14 जनवरी को पहली दुर्घटना 1952 में हुई। इस दिन यहां पटाखों के कारण आग लग गई, जिससे भगवान अयप्पा के 66 भक्तों की मौत हो गई।
14 जनवरी 1999 को पंपा में 'मकर ज्योति' के दर्शन के बाद मची भगदड़ में 52 श्रद्धालुओं की मौत हुई थी। कल की तरह उस दिन भी यहां बहुत भीड़ थी। उस समय मरने वाले ज्यादातर लोगों में आंध्र प्रदेश के निवासी शामिल थे।
'मकर ज्योति' के दर्शन के लिए लाखों लोग यहां जमा होते हैं।
साल 1998 के हादसे के बाद सरकार भीड़ प्रबंधन के लिए कड़े उपाय कर रही है और इसके लिए वैज्ञानिक तरीके भी अपना रही है। इसी के परिणामस्वरूप इस बार श्रद्धालुओं की तीर्थ यात्रा का अब तक का समय हादसों से मुक्त रहा था।
Saturday, January 15, 2011
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